Bihar: स्कूली शिक्षा में बिहार को मिला स्कूल एजूकेशन इंडेक्स में नीचे से चौथा स्थान

By एस पी सिन्हा | Updated: July 8, 2023 18:09 IST2023-07-08T18:09:12+5:302023-07-08T18:09:12+5:30

इस इंडेक्स में बिहार, झारखंड, असम और ओडिशा सहित कम से कम 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ग्रेड-2 (स्कोर 461 और 520 के बीच) प्राप्त किया। बिहार को 465 अंक मिले हैं।

Bihar: In school education, Bihar got the fourth position from the bottom in the School Education Index | Bihar: स्कूली शिक्षा में बिहार को मिला स्कूल एजूकेशन इंडेक्स में नीचे से चौथा स्थान

Bihar: स्कूली शिक्षा में बिहार को मिला स्कूल एजूकेशन इंडेक्स में नीचे से चौथा स्थान

Highlightsकेंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा जारी किया गया ग्रेडिंग इंडेक्स 2021-22बिहार से भी बुरा प्रदर्शन करने वाले और ग्रेड तीन में शामिल अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम पीजीआई में बिहार के खराब प्रदर्शन के कई कारणों की ओर संकेत किया गया है

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा भले ही लगातार यह दावा किया जाता रहा है कि बिहार में शिक्षा में सुधार किया गया है। लेकिन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा जारी प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) 2021-22 से प्रमाणित हुआ है कि बिहार में शिक्षा का बंटाधार हो चुका है। इसमें बिहार को स्कूल एजूकेशन इंडेक्स में नीचे से चौथा स्थान मिला है। प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स ने बिहार को बड़ा झटका दिया है।

इस इंडेक्स में बिहार, झारखंड, असम और ओडिशा सहित कम से कम 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ग्रेड-2 (स्कोर 461 और 520 के बीच) प्राप्त किया। बिहार को 465 अंक मिले हैं। ग्रेड-2 उन राज्यों को दिया जाता है जो कुल अंक का 11 से 20 फीसदी के बीच स्कोर करते हैं। इसमें बिहार से भी बदतर प्रदर्शन करने वाले और ग्रेड तीन में शामिल केवल तीन राज्य अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम ही हैं। 

इन राज्यों ने बिहार से कम स्कोर किया और उन्हें पीजीआई में ग्रेड-3 श्रेणी में रखा गया है। दरअसल, प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स यानी पीजीआई भारतीय स्कूल शिक्षा प्रणाली में अंतर्दृष्टि प्रदान करने वाला एक उपकरण है। पीजीआई का एक लक्ष्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करना है, जिसमें प्रदर्शन को प्रभावित करने वाले प्रमुख स्तर और महत्वपूर्ण प्रदर्शन श्रेणियां शामिल हैं। 

पीजीआई में बिहार के खराब प्रदर्शन के कई कारणों की ओर संकेत किया गया है। लेकिन इसमें एक प्रमुख कारण छात्र और शिक्षकों का अनुपात है। यानी किसी भी राज्य में बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षक-छात्र अनुपात बेहतर होना चाहिए। 

विभिन्न डोमेन के तहत बिहार द्वारा प्राप्त अंकों में सीखने के परिणामों और गुणवत्ता में राज्य ने 240 में से 64.4, स्कूली पहुंच में बिहार को 80 में से 41.80, बुनियादी ढांचे और सुविधा में 190 में से 41.0, इक्विटी में 260 में से 218.4, शासन प्रक्रियाओं में 130 में से 39.1 अंक मिले हैं। 

वहीं शिक्षकों की शिक्षा और प्रशिक्षण में राज्य को 100 में से 60.3 अंक मिले हैं। इस प्रकार ओवरऑल प्रदर्शन में बिहार की स्थिति पीजीआई के ग्रेड -2 में बेहद चिंताजनक है।

Web Title: Bihar: In school education, Bihar got the fourth position from the bottom in the School Education Index

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