Bihar Hooch Tragedy: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद सियासत तेज है। विपक्ष के तमाम राजनीतिक दलों द्वारा इसको लेकर बिहार कि सरकार को कठघरे में उतारने की कोशिश कि जा रही है। इस मामले को लेकर सड़क से सदन तक हंगामा किया जा रहा है।
हालांकि, खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसको लेकर साफ तौर पर कह चुके हैं कि, 'जो पिएगा वो मरेगा'। इसके बाद अब इस पूरे मामले को लेकर आज राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी(रालोजपा) और दलित सेना ने बिहार सरकार से शराबबंदी कानून वापस लेना की मांग की है। शराब कांड को लेकर जारी हंगामे के बीच रालोजपा नेताओं ने शनिवार को पटना में महाधरना दिया।
इसके बाद केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस समेत पार्टी नेताओं ने राज्यपाल फागू चौहान से मिलकर राज्य में अविलंब राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। जिसमें पार्टी प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज सहित पार्टी एवं दलित सेना के राष्ट्रीय और राज्य स्तर के नेता शामिल रहे। इस दौरान पार्टी के तरफ से छपरा कांड में परिजनों को मुआवजा देने कि मांग रखी है।
इसके साथ ही बिहार राज्य की गिरती विधि-व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़ा किया गया है। पार्टी नेताओं के द्वारा राज्यपाल को सौंपी गई ज्ञापन में 7 बिन्दुओं को उजागर करते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की गई है। पारस ने कहा कि बिहार में आए दिन शराब से लोगों की मौत हो रही है।
इसलिए उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने नीतीश सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की हालत बद से बदतर होती जा रही है। बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से विफल है। उन्होंने छपरा में हुए शराबकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी की। इसके पहले पार्टी के नेताओं ने धरना दिया। इस दौरान नीतीश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
सांसद प्रिंस राज ने कहा कि बिहार में फिर से जंगलराज पार्ट 2 शुरू हो गया है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल है। शराबबंदी के बाद भी आए दिन लोगों की मौत हो रही है। इसीलिए हमें राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें सात बिन्दुओं पर एक ज्ञापन सौपा है। इसमें शराब से होने वाली मौतों को लेकर न्यायिक जांच कराने की मांग की गई है। साथ ही अगर राज्य में शराबबंदी है तो इसे पूर्ण रूप से लागू किया जाए अन्यथा इसे खत्म किया जाए।