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बिहार में शराबबंदी पर फिर उठे सवाल, बेतिया में जहरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत

By एस पी सिन्हा | Updated: July 16, 2021 17:47 IST

बिहार के बेतिया में जहरीली शराब पीने से कथित तौर पर 13 लोगों की मौत की खबर आई है. प्रशासन इस पर अभी चुप है. जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

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ठळक मुद्देबेतिया के लौरिया और रामनगर थाना क्षेत्रों के विभिन्न इलाकों में 9 लोगों की मौतजहरीली शराब से मौत की आशंका, फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं, जांच के आदेशदरभंगा के केवटी में भी बीती रात चेकिंग के दौरान शराब तस्करों ने एक पुलिस जवान को कूचलकर मार डाला

पटना: बिहार में एक बार फिर से जहरीली शराब से मौत का मामला गहराता जा रहा है. पश्चिमी चंपारण (बेतिया) के लौरिया और रामनगर थाना क्षेत्रों के विभिन्न इलाकों में जहरीली शराब पीने से करीब 13 लोगों की मौत होने की खबर है. इस घटना के बाद सनसनी फैल गई है. 

वहीं, कुछ लोगों की स्थिती गंभीर होने पर बेतिया, गोरखपुर और लखनऊ के निजी अस्पतालों में भी भर्ती होने की चर्चा है. वैसे मौत की वजह को लेकर फिलहाल कुछ स्पष्ट नहीं है. न तो गांव के लोग कुछ कह रहे और न प्रशासन की ओर से कुछ कहा जा रहा है. 

सवाल उठने के बाद मामले में जांच के आदेश

जहरीली शराब पीने से मौत की आशंका जब व्यक्त की जाने लगी तो जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने एसडीपीओ और एसडीएम को जांच करने को कहा. हालांकि, डीडीसी रवींद्र कुमार सिंह ने कहा कि दो मृतकों के परिजनों ने मौत की वजह हर्ट अटैक बताया है. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार लौरिया थाने के देउरवा में एक साथ चार ग्रामीणों की मौत की खबर पूरे इलाके में फैली. इसके बाद बगल के गांव जोगिया देवराज(थाना-रामनगर) के भी दो ग्रामीणों की मौत की सूचना है. जबकि बगही व गौनाहा देवराज के भी एक-एक ग्रामीण की मौत का मामला आया. 

जोगीया देवराज निवासी हजाम तथा सुरेश साह का नाम भी मृतकों में शामिल हैं. जबकि तेलपुर निवासी इजहार देउरवा निवासी मुमताज को अभी निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसमें से इजहार की मौत देर शाम निजी अस्पताल में हो गई है. मुमताज का इलाज चल रहा है, जिसकी हालत गंभीर बनी हुई है. मुमताज के आंख की रोशनी भी चली गई. 

मृतकों की जो सूची सामने आई है, उसके अनुसार विकाउ मियां, देउरवा, लतीफ साह, देउरवा, रामबृक्ष चौधरी, देउरवा, नईम हजाम, बलुई, भगवान पांडा, सीतापुर, सुरेश साह, जोगिया, रातुल मियां, बगही और झुंना मिंया, गौनाहा गावं के रहनेवाले हैं. अभी भी दो लोगों का बेतिया के एक निजी अस्पताल में ईलाज चल रहा है, जिनके नाम इजहार मियां (तेलपुर) और दूसरा व्यक्ति मुमताज अंसारी (देउरवा) हैं. 

इसमें से इजहार की मौत निजी क्लिनिक में हो गई है, जबकि मुमताज की हालत गंभीर है. मृतकों के परिजनों का आरोप है कि सबकी मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. 

कथित जहरीली शराब से मौत पर प्रशासन की चुप्पी

हालांकि मौत की वजह जहरीली शराब का सेवन है या कुछ और, इसे लेकर प्रशासन का कोई भी अधिकारी सामने आकर बोलने को तैयार नहीं है. 

वहीं, मामले ने जब तूल पकडा तो एक मृतक के परिजन भरत साह ने बताया कि उनके बहनोई ने शराब पी थी और इसके बाद उन्हें सिर में दर्द हुआ. आंख की रोशनी भी चली गई.

लौरिया थानाध्यक्ष राजीव रजक ने बताया कि इतनी जानकारी है कि अलग-अलग गांवों में कुछ लोगों की मौत हुई है. लेकिन, किसी के भी घरवालों की तरफ से कोई भी जानकारी नहीं आई है. अब एक दिन में मौत हुई है या बीते कुछ दिन में इसकी जानकारी पुलिस को नहीं है. 

जबकि पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने कहा कि मीडियाकर्मियों के माध्यम से जानकारी हुई है. स्थानीय एसडीएम व एसडीपीओ को जांच के लिए भेजा गया है. यदि इतनी मौतें एक साथ हुई हैं तो यह गंभीर मामला है. इसके बारे में पता लगाया जायेगा.

बिहार में शराबबंदी पर शराब माफियाओं का आतंक जारी

यहां उल्लेखनीय है कि बिहार में शराबबंदी ऐसा कानून है, जिसको लेकर हमेशा से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल उठते रहे हैं. आज शराबबंदी के बाद भी सूबे में धडल्ले से शराब की बिक्री की जा रही है. शराब तस्करों का आतंक इतना बढ गया है कि वह पुलिसकर्मियों की जान लेने से भी नहीं चूक रहे हैं. 

दरभंगा के केवटी में बीती रात चेकिंग के दौरान शराब लेकर जा रहे तस्करों ने अपनी गाड़ी से एक पुलिस जवान को कूचलकर मार डाला. उधर, अब इसे लेकर सूबे की सियासत में भी हलचल शुरू हो गई है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस मामले को लेकर वार-पलटवार शुरू हो गए हैं. 

इस घटना को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव काफी आक्रोशित हो गए हैं. जिसके बाद उन्होंने ट्वीट कर हमला बोल दिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “बिहार में सुशासनी शराबबंदी से प्रतिवर्ष हजारों लोग जहरीली शराब से मर जाते हैं. शराबबंदी के कारण सत्ताधारी लोग बिहार में 20000 करोड़ की समानांतर अवैध इकॉनमी चला रहे हैं. शराबबंदी के नाम पर लाखों दलित और गरीब जेलों में बंद हैं. पुलिस भ्रष्ट और अत्याचारी बन चुकी है.” 

बता दें कि राज्य में शराबबंदी लागू होने के बावजूद यह पहली बार नहीं जब जहरीली शराब से मौत की खबर सामने आई है. ऐसे खबरें प्राय: दो तीन महीने में सामने आ ही जाती है, जिसमें दर्जनों लोगों की मौत जहरीली शराब पीने की वजह से होने की बात कही जाती है. 

हालांकि प्रशासन की ओर से लगातार इस बात का खंडन किया जाता रहा है कि मौत का कारण शराब पीना नही बल्कि बीमारी होती है. इसबार भी बेतिया के डीडीसी का ऐसा ही बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने मौत के कारणो को हार्ट अटैक बताया है. 

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