पटनाः बिहार के सारण(छपरा) जिले में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद विपक्ष के द्वारा पीडितों के परिजनों को मुआवजा दिये जाने की मांग पर शुरू हुई सियासत ने अब नया मोड ले लिया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा मुआवजा नहीं दिये जाने का ऐलान किये जाने के बाद अब संसदीय कार्य सह वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रुख साफ किया है। उन्होंने कहा कि शराब से होनेवाली मौतों को लेकर मुआवजे दिए जाने का प्रावधान है। मंत्री ने बताया कि जो कानून है, उसके अनुसार शराब से होनेवाली मौतों में शराब निर्माता और शराब बेचनेवालों से रिकवरी कर पीड़ितों को मुआवजा दिया जाता है।
विजय चौधरी ने कहा कि यहां हम अभी शराब बनाने और बेचनेवालों की पहचान करने की कार्रवाई की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद नियमानुसार पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार की नियति पड़ितों की मदद करनी नहीं होती तो 2016 में नीतीश कुमार द्वारा इसको लेकर कानून नहीं बनाया जाता।
आज जो लोग इस कानून का हवाला देकर मुआवजा की मांग रहे हैं, उनसे यह कहना चाहता हूं कि यह कानून हमारे तरफ से बनाया गया था और इसमें मुआवजा का प्रावधान है। लेकिन, उसी एक्ट में यह भी है कि पब्लिक डिमांड के तहत जैसे पब्लिक डिमांड की राशि रिकवरी की जाती है, उस तरीके से कार्रवाई की जाएगी।
यह तो साफ है कि इसी सरकार ने यह कानून बनाया था। इसके तहत काम किया जाएगा। अभी क़ानूनी प्रक्रिया चल रही है। जिस दिन यहां सप्लायर और और बेचने वाले जिस दिन मामलूम चल जायेंगे। उस दिन यह प्रक्रिया चालू हो जाएगी। हालांकि, भाजपा के लोग बिना इसे अच्छी तरह समझे हुए मांग कर रहे हैं।