नीतीश सरकार के 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के कारण केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम सूर्य घर योजना पर पड़ा बुरा असर
By एस पी सिन्हा | Updated: December 19, 2025 17:12 IST2025-12-19T17:12:31+5:302025-12-19T17:12:31+5:30
पटना जिले में अब तक इस योजना के लिए कुल 1,995 ऑनलाइन आवेदन किए गए हैं, जिनमें से 904 लाभुकों के घरों पर सोलर पैनल लग चुके हैं और 869 लाभुकों को सरकारी अनुदान की राशि भी मिल चुकी है।

नीतीश सरकार के 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के कारण केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम सूर्य घर योजना पर पड़ा बुरा असर
पटना: नीतीश सरकार के द्वारा बिहार के लोगों को 125 यूनिट मुफ्त बिजली दिए जाने के कारण केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम सूर्य घर योजना हाशिये पर जाती दिख रही है। जुलाई 2025 के बाद से पीएम सूर्य घर योजना के प्रति लोगों का रुझान करीब 78 प्रतिशत तक घट गया है। जुलाई 2025 के बाद से पीएम सूर्य घर योजना के प्रति लोगों की दिलचस्पी करीब 78 प्रतिशत तक कम हो गई है। पटना जिले में अब तक इस योजना के लिए कुल 1,995 ऑनलाइन आवेदन किए गए हैं, जिनमें से 904 लाभुकों के घरों पर सोलर पैनल लग चुके हैं और 869 लाभुकों को सरकारी अनुदान की राशि भी मिल चुकी है। 125 यूनिट मुफ्त बिजली लागू होने से पहले हर महीने पीएम सूर्य घर योजना के लिए 70 से 75 आवेदन आ रहे थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर मात्र 16-17 रह गई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जुलाई 2025 से सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की और न्यूनतम सर्विस चार्ज भी समाप्त कर दिया। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने जनवरी 2024 से घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए पीएम सूर्य घर योजना लागू की थी। इस योजना के तहत एक किलोवाट से तीन किलोवाट तक के घरेलू बिजली कनेक्शन धारकों को सोलर पैनल लगाने पर 30 हजार से 78 हजार रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाता है।
पीएम सूर्य घर योजना के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए बिजली विभाग नई पहल करने जा रहा है। जिले के चारों बिजली सेक्शन में योजना का लाभ लेकर अपने घरों में सोलर पैनल लगवाने और मासिक बिजली खर्च शून्य करने वाले उपभोक्ताओं को सम्मानित किया जाएगा। हर सेक्शन से 10-10 लाभार्थियों का चयन कर एक विशेष सम्मेलन में उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
विभाग का मानना है कि इससे आम लोगों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरणा मिलेगी और योजना के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। योजना के तहत घरेलू उपभोक्ता तीन किलोवाट तक का सोलर प्लांट लगाकर सरकारी अनुदान का लाभ ले सकते हैं। एक किलोवाट सोलर प्लांट की कुल लागत लगभग 70 हजार रुपये होती है, जिसमें सरकार 30 हजार रुपये का अनुदान देती है।
दो किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट की लागत लगभग 1.40 लाख रुपये होती है और 60 हजार रुपये का अनुदान मिलता है। वहीं, तीन किलोवाट सोलर प्लांट की कुल लागत लगभग 2.10 लाख रुपये है, जिस पर 78 हजार रुपये का सरकारी अनुदान दिया जाता है। पीएम सूर्य घर योजना के लिए दो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं। बिजली विभाग का सुविधा ऐप और पीएम सूर्य घर योजना का राष्ट्रीय पोर्टल।
आवेदन के लिए केवल आधार कार्ड और बिजली बिल अपलोड करना होता है। आवेदन के बाद लाभुक को वेंडर का चयन करना होता है, जो घर पर सोलर पैनल लगाता है और पांच साल तक उसका मेंटेनेंस करता है। योजना के तहत डीसीआर (घरेलू कंपनी) के सोलर पैनल लगाए जाते हैं, जो सामान्य सोलर प्लांट की तुलना में थोड़े महंगे होते हैं।
सोलर प्लांट चालू होने के एक सप्ताह के भीतर अनुदान राशि सीधे लाभुक को मिल जाती है। शेष राशि लाभुक को स्वयं अदा करनी होती है, लेकिन यदि कोई लाभुक एकमुश्त भुगतान नहीं कर सकता तो बैंक के माध्यम से मात्र सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर लोन की सुविधा भी उपलब्ध है।
अनुदान का लाभ केवल उन घरेलू उपभोक्ताओं को मिलेगा, जिनके बिजली कनेक्शन की क्षमता के बराबर सोलर प्लांट लगाया जा सके और यह अधिकतम तीन किलोवाट तक ही होगा। विद्युत अधीक्षण अभियंता मनीष कांत ने कहा कि 125 यूनिट फ्री बिजली योजना लागू होने के बाद पीएम सूर्य घर योजना के प्रति लोगों का रुझान कुछ हद तक कम हुआ है। फिलहाल विभाग इस योजना को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए नई पहल की तैयारी कर रहा है।