Bihar Floor Test: "इसमें हैरत नहीं कि नीतीश कल को फिर पलटी मार सकते हैं", सांसद दानिश अली ने बिहार में होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 12, 2024 08:34 AM2024-02-12T08:34:30+5:302024-02-12T08:38:19+5:30
लोकसभा सांसद दानिश अली ने नीतीश कुमार की सियासत पर बेहद गहरा तंज कसते हुए कहा कि हो सकता है कल को नीतीश कुमार फिर से पाला बदलकर एनडीए छोड़कर इंडिया गठबंधन में शामिल हो जाएं।
नई दिल्ली:बिहार की सियासत में सोमवार का दिन बेहद भारी रहने वाला है क्योंकि रिकॉर्ड नौवीं बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार को विधानसभा के पटल पर आज एनडीए सरकार का बहुमत साबित करना है। पक्ष-विपक्ष बिहार में सत्ता बचाने और गिराने के लिए अपन सबकुछ झोंकर रहे हैं।
इस बीच लोकसभा के सांसद दानिश अली ने नीतीश कुमार की सियासत पर बेहद गहरा तंज कसते हुए कहा कि उन्हें इस बात में कोई हैरत नहीं कि कल को नीतीश कुमार फिर से पाला बदलकर एनडीए छोड़कर इंडिया गठबंधन में शामिल हो जाएं।
समाचार एजेंसी एएनआी के अनुसार दानिश अली ने बीते रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर दावा किया कि नीतीश कुमार के लिए भविष्य में राजनीतिक सुविधा इंडिया में मिलती है तो वह एनडीए को गच्चा देकर फिर से पाला बदल सकते हैं।
उन्होंने कहा, "बिहार के लोग इस स्थिति से शर्मिंदा हैं। जिस तरह से नीतीश कुमार ने उनका और उनके जनादेश का मजाक उड़ाया, उससे वे बहुत दुखी हैं। उनके विधायकों पर दबाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर नीतीश कुमार निकट भविष्य में राजनीतिक परिवर्तन करके महागठबंधन (महागठबंधन) में वापसी कर लें।"
मालूम हो कि नीतीश कुमार के महागठबंधन से बाहर निकलने और एनडीए में लौटने के कुछ दिनों बाद बिहार में उनकी सरकार सोमवार को विश्वास मत के दौरान अपनी पहली बड़ी परीक्षा का सामना करने के लिए तैयार है।
बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में नीतीश कुमार के जदयू के 45 विधायक हैं, जबकि उसके सहयोगियों, भाजपा और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर (एचएएम-एस) के पास क्रमशः 79 और 4 मौजूदा विधायक हैं। एक अन्य निर्दलीय विधायक के समर्थन से सदन में एनडीए के पास महागठबंधन के 115 विधायकों के मुकाबले 128 विधायक हैं।
बिहार विधानसभा में आज संपन्न होने वाले शक्ति परीक्षण में नीतीश कुमार की नई सरकार को बहुमत के आंकड़े को पार करने के लिए 122 विधायकों के वोटों की जरूरत है।
इस महीने की शुरुआत में नीतीश कुमार ने बिहार में महागठबंधन और विपक्षी इंडिया गठबंधन को अलविदा कहते हुए भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पाले में चले गये और नई सरकार बना ली।
नीतीश कुमार ने अपने और बिहार में महागठबंधन के भविष्य को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए गुजरे 28 जनवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जो 18 महीने से भी कम समय में उनका दूसरा पलटवार था। राजद और कांग्रेस से नाता तोड़कर जदयू सुप्रीमो ने भाजपा और एनडीए में उसके सहयोगियों के समर्थन से नई सरकार बनाई है।