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Bihar Flood: बिहार में बाढ़ से मचा हाहाकार, 3 लाख से अधिक की आबादी चपेट में, दरभंगा का सबसे बुरा हाल

By एस पी सिन्हा | Updated: July 19, 2020 17:54 IST

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार लगभग तीन लाख (2.92 लाख) लोग अभी बाढ़ की चपेट में हैं. जिसमें सबसे अधिक दरभंगा के 1 लाख 58 हजार तो किशनगंज के सबसे कम मात्र 290 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.

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ठळक मुद्देसरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में मदद का काम शुरू कर रखा है. सीतामढी में पहुंच पथ तो मधुबनी में पुलिया ध्वस्त हो गई है.

पटना:बिहार में बाढ़ की वजह से करीब तीन लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है. राज्य के लगभग 8 जिलों में लोग बाढ़ से बेहाल हैं. बाढ़ का सबसे ज्यादा असर सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण जिलों में देखने को मिल रहा है. इन आठों जिलों के 37 प्रखंड के 153 पंचायत बाढ़ की चपेट में है.

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार लगभग तीन लाख (2.92 लाख) लोग अभी बाढ़ की चपेट में हैं. जिसमें सबसे अधिक दरभंगा के 1 लाख 58 हजार तो किशनगंज के सबसे कम मात्र 290 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. सरकार ने प्रभावितों की सहायता के लिए 7 राहत शिविर खोले हैं, जिसमें सुपौल में दो दरभंगा में दो और गोपालगंज में तीन है. इन राहत शिविरों में 2306 लोग रह रहे हैं. जबकि प्रभावितों के लिए जिला प्रशासन की ओर से सामुदायिक रसोईघर का भी संचालन शुरू कर दिया गया है. 

सरकार ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन 

सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में मदद का काम शुरू कर रखा है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए राहत कैंपों में खास सावधानी बरती जा रही है. सरकार की तरफ से लोगों को मास्क मुहैया कराए गए हैं, साथ ही साथ सामुदायिक रसोई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग को पालन किया जा रहा है. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित इलाकों में फिलहाल 27 सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है और इसके जरिए तकरीबन 20 हजार लोगों को खाना खिलाया गया है. राहत शिविरों में रह रहे लोगों को मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से पालन करने को कहा गया है ताकि बाढ़ में घिरे लोगों  के बीच कोरोना वायरस का फैलाव ना हो. 

वहीं, दूसरी ओर उत्तर बिहार में नदियों के पानी में उतार-चढ़ाव के बीच बाढ़-कटाव के संकट से तबाही का दौर जारी है. सीतामढी में पहुंच पथ तो मधुबनी में पुलिया ध्वस्त हो गई है. मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाने में पानी घुस गया. गंडक, बूढी गंडक, बागमती का रुख अलग-अलग हिस्सों में कहीं नरम तो कहीं गरम है. मनुषमारा, लखनदेई और अधवारा समूह की नदियां भी खूब तेवर दिखा रहीं हैं. 

मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक के उफानाने से शहर के निचले इलाकों पर पानी का दबाव बढ गया है. जीरोमाइल स्थित अहियापुर थाने में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. नदी का पानी तेजी से बढने के कारण निचले इलाके के मोहल्ले तेजी से खाली हो रहे हैं. लखनदेई और मनुषमारा का पानी औराई और कटरा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में फिर तेजी फैल रहा है. गंगा नदी भी अपने उफान पर हैं, हालाकि गंगा ने अभी अपरा रौद्र रूप धारण नही किया है. लेकिन कोसी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है, जिससे उन ईलाकों में त्राहीमाम की स्थिती उत्पन्न हो गई है.

टॅग्स :बिहारबाढ़
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