बिहारः 'चमकी बुखार' से अब तक 67 मासूमों की मौत, सीएम नीतीश कुमार ने किया 4 लाख मुआवजे का ऐलान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 16, 2019 08:17 AM2019-06-16T08:17:00+5:302019-06-16T08:17:00+5:30
बिहार में नीतीश सरकार ने एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) मरने वाले प्रत्येक बच्चे के परिजनों को 4 लाख मुआवजे की घोषणा की है। अब तक मौत का आंकड़ा 67 पार पहुंच चुका है।
मुजफ्फरपुर जिले में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफलाइटिस (चमकी बुखार) से मरने वाले बच्चों का आंकड़ा 67 पार कर गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रत्येक पीड़ित परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए बीमारी से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का दौरा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन बिहार में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्थिति का जायजा लेने एवं समीक्षा करने के लिए रविवार को मुजफ्फरपुर का दौरा करेंगे।
अधिकारियों के मुताबिक यहां के दो अस्पतालों- श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) और केजरीवाल अस्पताल में इस महीने 67 बच्चों की मौत हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री वहां मौजूद विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले दलों से बातचीत करेंगे और राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित करेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने हाल में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से दो बार मुलाकात की और इस दौरान मुजफ्फरपुर में एईएस के और बिहार के ही गया में जेई के बढ़ते मामलों की खबरों और इन्हें रोकने के लिए जन स्वास्थ्य उपायों पर चर्चा की।
क्या है चमकी बुखार?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार चमकी बुखार शरीर में ग्लूकोज की भारी कमी के कारण होता है। बच्चों में पानी और हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी के कारण यह घातक बन जाता है। शुरुआती चरण में यह तेज बुखार और बदन में एंठन के रूप में दिखता है। ठीक वैसे ही जैसे कोई भी अन्य बुखार होता है। लेकिन डॉक्टरी जांच के बाद ही इसकी पहचान होती है।