Bihar Elections 2025: राजद को लग गया तगड़ा झटका, पार्टी की पूर्व महिला प्रदेश अध्यक्ष प्रतिमा कुशवाहा ने थामा भाजपा का दामन
By एस पी सिन्हा | Updated: October 25, 2025 16:21 IST2025-10-25T16:21:19+5:302025-10-25T16:21:24+5:30
प्रतिमा कुशवाहा ने कहा कि राजद में सिर्फ लक्ष्मी की पूछ है, बाहरी लोग पार्टी और परिवार तोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं छठी मैया से आशीर्वाद मांगती हूं कि एनडीए गठबंधन की सरकार बने, ताकि बिहार में विकास का पहिया तेजी से आगे बढ़ता रहे।

Bihar Elections 2025: राजद को लग गया तगड़ा झटका, पार्टी की पूर्व महिला प्रदेश अध्यक्ष प्रतिमा कुशवाहा ने थामा भाजपा का दामन
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच राजद को बड़ा झटका लगा है। बिहार पार्टी की पूर्व महिला प्रदेश अध्यक्ष प्रतिमा कुशवाहा ने शनिवार को भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान प्रतिमा कुशवाहा ने कहा कि राजद में सिर्फ लक्ष्मी की पूछ है, बाहरी लोग पार्टी और परिवार तोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं छठी मैया से आशीर्वाद मांगती हूं कि एनडीए गठबंधन की सरकार बने, ताकि बिहार में विकास का पहिया तेजी से आगे बढ़ता रहे।
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव की पार्टी अब पहले जैसी नहीं रही। कुछ बाहरी लोग पार्टी में शामिल हो गए हैं, जिससे परिवार और पार्टी दोनों बिखर गए हैं। प्रतिमा कुशवाहा ने कहा कि राजद ने सिर्फ परिवार को आरक्षण दिया, जबकि एनडीए ने आरक्षण दिया है। वहीं, दिलीप जायसवाल ने कहा कि मतदाताओं ने मोदी जी की गारंटी और नीतीश कुमार के विकास और कानून के राज पर भरोसा जताकर मन बना लिया है।
उन्होंने कहा कि हम एनडीए में पांच पांडव हैं। पांडव के सामने कौरव जो होगा, वो तो खलनायक ही होगा। उन्होंने कहा कि ये महागठबंधन नहीं बल्कि ‘महालठबंधन’ है। दिलीप जायसवाल ने चुटकी लेते हुए गाना गुनगुनाया। नायक नहीं, खलनायक हूं मैं… ये खलनायक हैं राजद और कांग्रेस। यह बात बिहार की जनता समझ गई है। इनके पास कोई मुद्दा नहीं है।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले कांग्रेस और राजद के लाडले ने वोट चोरी के आरोप में यात्रा निकाली थी। बाद में जनता ने उन्हें नकार दिया। उनका टायर पंचर हो गया, हवा निकल गई। दिलीप जायसवाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वो यहां से भारत रत्न और जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की ‘जननायक’ वाली उपाधि चुराकर भाग गए। अब जिनको खलनायक बोलना चाहिए वो नायक की उपाधि लगा रहे हैं।