Bihar Election 2025: 10 माह बाद विधानसभा चुनाव?, फर्क साफ है, भूला नहीं बिहार, नीतीश बनाम लालू परिवार, एक्स पर हमला
By एस पी सिन्हा | Updated: January 9, 2025 18:03 IST2025-01-09T18:02:39+5:302025-01-09T18:03:27+5:30
Bihar Election 2025: लालू प्रसाद यादव के जमाने का बथानी टोला नरसंहार, अपहरण उद्योग, जंगलराज और अंत में 19 सालों का नीतीश कुमार का सुशासन दिखाया गया है।

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Bihar Election 2025: बिहार में सत्तारूढ़ जदयू के द्वारा राजद पर तीखा हमला करने का कोई मौका नहीं गंवाया जा रहा है। जदयू पुराने दिनों की याद दिलाकर राजद को कटघरे में खड़ा करने का हरसंभव प्रयास में जुटी हुई है। इसी कड़ी में जदयू ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स हैंडल से एक के बाद एक कई ट्वीट कर लालू-राबड़ी शासनकाल की याद को ताजा कर दिया गया है। ट्वीट में भूला नहीं बिहार टैगलाइन दिया गया है। इसमें लालू प्रसाद यादव के जमाने का बथानी टोला नरसंहार, अपहरण उद्योग, जंगलराज और अंत में 19 सालों का नीतीश कुमार का सुशासन दिखाया गया है।
भूला नहीं है बिहार..
— Janata Dal (United) (@Jduonline) January 9, 2025
1997 का लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार..#LakshmanpurBatheMassacre#1997Tragedy#BhulaNhiHaiBihar#FarkSaafHai#JungleRajSeSushasanTak#NitishKumar#BiharTransformationpic.twitter.com/nXuXgDFhAy
फर्क साफ है..
एक ओर जहां 2005 में राज्य में महज 893 महिला पुलिसकर्मी थीं, वहीं आज माननीय मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी के मजबूत इरादों से बिहार देश में सर्वाधिक 29 हजार से अधिक महिला पुलिसकर्मी वाला राज्य है।
#FarkSaafHai#JungleRajSeSushasanTak#NitishKumar… pic.twitter.com/gwNWhGMfHE— Janata Dal (United) (@Jduonline) January 9, 2025
इसके साथ ही साक्षरता को लेकर भी फर्क भी दर्शाया गया है और दावा किया गया है कि कैसे नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने तरक्की के नए आयाम को छुआ है। जदयू ने अपने पहले ट्वीट में लिखा है कि भूला नहीं है बिहार... 1996 का बथानी टोला नरसंहार। दूसरे ट्वीट में लिखा गया है कि भूला नहीं है बिहार... कि कैसे 90 के दशक में सत्ता के संरक्षण में अपहरण भी एक उद्योग हुआ करता था।
वहीं, तीसरे ट्वीट में लिखा गया है कि 90 के दशक के बिहार की पीड़ा से शायद ही कोई अपरिचित होगा। 15 सालों के जंगलराज में बिहार को दशकों पीछे धकेलने वालों की सच्चाई सबको पता है। जबकि चौथे ट्वीट में लिखा गया है कि फर्क साफ है... कुशासन और सुशासन का फर्क लोग जानते हैं। पिछले 19 सालों में बिहार ने जो विकास की यात्रा तय की है, वो सबको दिखाई दे रहा है।
काम बोलता है, आंकड़े बोलते हैं। इस तरह जदयू ने आधिकारिक एक्स हैंडल से तेजस्वी यादव को जवाब देने की कोशिश की है, जिन्होंने हाल ही में बिहार में अपराध बढ़ने के दावे करते हुए एक्स हैंडल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था। इसके साथ ही जदयू की ओर से शेयर किए गए वीडियो में कहा गया है कि एनसीआरबी के मुताबिक अकेले 1996 में अपहरण के 1100 मामले दर्ज किए गए थे।
अपहृतों में न केवल व्यापारी बल्कि इंजीनियर और डॉक्टरों के अलावा कई अन्य नौकरीपेशा और आम आदमी भी शामिल थे। विचित्र स्थिति यह थी कि इन अपराधियों को न तो पुलिस का खौफ था और न ही किसी सरकार का। पुलिस और प्रशासन के कमजोर होने की स्थिति में चारों ओर भ्रष्टाचार का बोलबाला था।
भ्रष्टाचार को राजनीतिक संरक्षण भी मिल रहा था, जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए थे। अपराधी सीधे मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करते थे। हालात इतने खराब थे कि आज भी लोग उन दिनों को याद कर सिहर जाते हैं। इस तरह जदयू की ओर से राजद के शासनकाल की यादें ताजी कराकर तेजस्वी यादव पर भी सवाल उठा दिया गया है।

