Bihar Election 2020: नीतीश कुमार की पार्टी और भाजपा के बीच हो चुकी है डील? सीट बंटवारे को लेकर आई ये खबर
By गुणातीत ओझा | Published: October 4, 2020 10:53 AM2020-10-04T10:53:11+5:302020-10-04T10:53:11+5:30
आगामी बिहार चुनाव को लेकर भाजपा और जेडीयू के बीच सीच बंटवारे को लेकर समझौता हो चुका है। सूत्रों की मानें तो दोनों दल बराबरी की हिस्सेदारी के साथ चुनाव में दम-खम दिखाएंगे।
पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भाजपा सैद्धांतिक रूप से सीट बंटवारे के समझौते पर पहुंच गए हैं। सूत्रों के मुताबिक बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियों में सीटों को लेकर समझौता हो चुका है। दोनों दलों के बीच सीटों की बराबरी की हिस्सेदारी होगी। कुछ ही दिनों में सीट विभाजन की घोषणा हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार, जेडीयू को 243 में से 122 सीटें मिलेंगी, जबकि भाजपा को 121 सीटें मिलेंगी। सूत्रों ने कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को अपने कोटे से समायोजित करेगी, वहीं गठबंधन में रहने पर भाजपा अपने हिस्से से रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को सीटें देगी।
बता दें कि बिहार के सत्तारूढ़ गठबंधन ने नीतीश कुमार और रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के बीच लंबे समय तक झगड़े के कारण परेशानी का सामना किया है, जिन्होंने सीटों की तत्काल घोषणा की मांग की थी।
बिहार में एक नई सरकार के लिए 28 अक्टूबर, 3 और 7 अक्टूबर को मतदान होगा और परिणाम 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। कोरोनो वायरस संकट के चलते देश का बड़ा चुनाव माने जाने वाला बिहार चुनाव कई बदलावों के साथ होगा। इस चुनाव में मतदान के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा। साथ ही चुनाव अभियान के दौरान शारीरिक संपर्क की मनाही होगी।
सत्तारूढ़ गठबंधन में सीटों को लेकर समझौता गुरुवार को शुरू हुए पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद हुआ। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर है। कुल 243 निर्वाचन क्षेत्रों में 71 सीटों पर 28 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को चुनौती देते हुए पूरी उम्मीद जताई है कि इस बार भी जीत उनकी ही होगी। बता दें कि जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव राजद की कमान संभाले हुए हैं। पिछले चुनाव की तरह ही इस बार कांग्रेस के राजद के साथ होने की उम्मीद जताई जा रही है।
विपक्ष ने शनिवार को अपनी सीटों के विभाजन की घोषणा की है। विपक्ष ने राज्य में बाढ़ के अलावा कोरोनो वायरस महामारी और प्रवासी संकट से निपटने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन को निशाना बनाने की योजना तैयार की है। विपक्ष के विरोध के बावजूद संसद में पारित केंद्र के विवादास्पद फार्म बिल को तेजस्वी भाजपा के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। स्पष्ट है कि इस फार्म बिल को वे केंद्र का गलत कदम बता कर भाजपा को "किसान विरोधी" सरकार साबित करने का प्रयास करेंगे।