बिहार DGP के पत्र ने खोली पुलिस की कार्यशैली की पोल, विपक्षी पर्टियों ने हमला किया तेज 

By एस पी सिन्हा | Published: December 28, 2018 08:11 PM2018-12-28T20:11:52+5:302018-12-28T20:11:52+5:30

डीजीपी ने बिहार के सभी एसएसपी, डीएसपी, कमांडेंट समेत कई अधिकारियों को भेजे अपने पत्र में लिखा, ''थाना स्तर पर अपराध की रोक-थाम की ओर कम ध्यान दिया जाता है. यदि अपराध की रोकथाम की दिशा में थोड़ी भी कार्रवाई की जाए तो अपराध में बहुत बड़ी कमी आएगी और पब्लिक परसेप्शन भी सुधरेगी.'' 

bihar dgp wrote a letter to all sp for law and order maintain | बिहार DGP के पत्र ने खोली पुलिस की कार्यशैली की पोल, विपक्षी पर्टियों ने हमला किया तेज 

बिहार DGP के पत्र ने खोली पुलिस की कार्यशैली की पोल, विपक्षी पर्टियों ने हमला किया तेज 

बिहार के पुलिस महानिदेश (डीजीपी) ने अपनी ही पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. डीजीपी केएस द्विवेदी ने सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है, जिससे पुलिस महकमे में खलबली मच गई है. पत्र में डीजीपी ने कहा है कि सूबे में रात्रि गश्ती की बात तो बहुत दूर की है यहां तक कि दिन में भी नियमित गश्ती नहीं की जा रही है. 

डीजीपी ने बिहार के सभी एसएसपी, डीएसपी, कमांडेंट समेत कई अधिकारियों को भेजे अपने पत्र में लिखा, ''थाना स्तर पर अपराध की रोक-थाम की ओर कम ध्यान दिया जाता है. यदि अपराध की रोकथाम की दिशा में थोड़ी भी कार्रवाई की जाए तो अपराध में बहुत बड़ी कमी आएगी और पब्लिक परसेप्शन भी सुधरेगी.'' 

डीजीपी ने अपने पत्र में कहा है गश्ती नहीं होने के कारण अपराधी दिन में ही वारदात को अंजाम देकर फरार हो जा रहे हैं. उन्होंने पत्र के जरिये अफसरों को मुश्तैद ड्यूटी करने और कानून का राज बहाल करने का निर्देश दिया है. 

डीजीपी ने कहा है कि अपराधियों के मनोबल में कमी नहीं आई है. हालांकि, उनका मानना है कि इसके बावजूद भी अपराध में कमी आई है. डीजीपी की माने तो अपराधियों के मन में बैठ गया है कि अपराध करके वो लोग आराम से फरार हो जाएंगे. 

बता दें कि इससे पहले भी डीजीपी ने शराब, हथियार और प्रतिबंधित वस्तुओं की रोकथाम के लिए नाकेबन्दी का सुझाव दिया था. लेकिन, इस सुझाव का पालन नहीं किया गया. अब एक बार फिर से डीजीपी ने सभी जगह नाके लगाने के निर्देश दिए हैं. डीजीपी ने आदेश दिया है कि हर नाके में जिला पुलिस बल से 20 जवान तैनात किए जाएं. 

इस पत्र से पुलिस महकमें की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. डीजीपी के बयान की गंभीरता को इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने 'अपराध की रोकथाम की दिशा में थोड़ी भी कार्रवाई' की बात का जिक्र किया है. जाहिर है बिहार में अपराध को लेकर थाना स्तर पर कम्पलीट नेगलिजेंस हैं. 

डीजीपी ने यह भी कहा कि स्पीडी ट्रायल को भी लेकर पुलिस अफसरों का उदासीन रवैया देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि यह नहीं चलेगा. सभी पुलिस अधिकारियों को टाइट होकर ड्यूटी करनी पड़ेगी. इस का नतीजा यह निकला कि बिहार में क्राइम के ग्राफ में कमी नहीं दिख रही है. 

डीजीपी के इस पत्र से पुलिस महकमे में हडकंप मच गया है. साथ ही बिहार में स्मार्ट पुलिसिंग की भी कलई खुल गई है. पुलिस अफसरों की लापरवाही भी उजागर हुई. बिहार के डीजीपी के एस द्विवेदी पुलिसकर्मियों की कार्यशैली से बेहद खफा हैं. इस बाबत उन्होंने बीते नौ महीने में दूसरी बार अपने आक्रोश का इजहार पत्र के माध्यम से किया है. उन्होंने विशेष तौर पर थाना स्तर पर अपराध की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों पर गंभीर सवाल उठाए हैं.

बिहार पुलिस के मुखिया का अपने अधीनस्थों को पत्र लिखे जाने के बाद से एक ओर जहां हडकंप मच गया है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी पर्टियों को बैठे-बिठाये सरकार पर हमला करने का मुद्दा दे दिया है. राजद नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता व विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने सरकार पर हमला बोला है. 

राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी बिहार के डीजीपी द्वारा सूबे की पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाये जाने पर कहा है कि 'उन्होंने (डीजपीपी ने) मेरे दावे पर मुहर लगाई है कि पुलिस स्टेशनों को मुख्यमंत्री सह गृह मंत्री नीतीश कुमार द्वारा सीधे तस्करों और अपराधियों के साथ सांठगांठ में सबसे अधिक बोली लगानेवालों को नीलाम किया जाता है.' साथ ही उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा है कि 'क्या यह नहीं है?'

वहीं, कांग्रेस नेता व बिहार विधानसभा पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा है कि डीजीपी ने जिला पुलिस कप्तानों को दोबारा लेटर लिखा है. दोबारा लेटर लिखने का आशय स्पष्ट है कि पहले लिखे गये लेटर में उन्होंने जो निर्देश दिया था, उस पर किसी अधिकारी-पदाधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया. 

इससे स्पष्ट है कि बिहार में पुलिस प्रशासन पूरी तरह से डीजीपी के निर्देश की अनदेखी कर रही है. साथ ही उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि डीजीपी अगर अपराध को लेकर बेबस दिख रहे हैं, तो पद पर क्यों बने हैँ? ऐसे बेबस डीजीपी को इस्तीफा दे देना चाहिए.

Web Title: bihar dgp wrote a letter to all sp for law and order maintain

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