पटना: बिहार में आरटीपीसीआर टेस्ट और कोरोना टीकाकरण के नाम पर फर्जीवाड़े का एक मामला सामने आया है. राज्य के अरवल जिले में आरटीपीसीआर टेस्ट और कोरोना टीकाकरण के नाम पर करपी एपीएचसी में कोरोना वैक्सीन का डोज लेने वालों में नरेंद्र मोदी, अमित शाह और प्रियंका चोपड़ा जैसे कई हस्तियों के नाम शामिल हैं.
मामले के तूल पकड़ने के बाद दो डाटा ऑपरेटरों को नौकरी से हटा दिया गया है. उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के नये वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर जहां एकतरफ राज्य का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है और कोरोना टीकाकरण के दोनों डोज लेने की लोगों से अपील की जा रही है वहीं दूसरी ओर टीकाकरण और जांच के नाम पर केवल खानापूर्ती करके आंकड़ों को सही दिखाने की हरकत भारी पड सकती है.
टीका और टेस्ट के फर्जीवाड़े से अधिकारी हैरान
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी लगातार ट्वीट के माध्यम से जांच और टीकाकरण के आंकड़े बताते रहे हैं. हालांकि अरवल जिले में कोरोना का टीका लेने वालों और आरटीपीसीआर टेस्ट के नाम पर फर्जीवाड़े को देखकर अधिकारी भी चौंक गए हैं.
हटाए गए ऑपरेटर विनय कुमार ने बताया कि शहर तेलपा एपीएचसी में वह कार्यरत था. उसने स्वास्थ्य प्रबंधक को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. उसने कहा कि उनलोगों को डाटा दिया भी नहीं जाता था और जबरन एंट्री डालने का दबाव हेल्थ मैनेजर देता था. बात जब उपर तक गई तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है.
उसने बताया कि उनके ऊपर हमेशा यह दबाव रहा कि अधिक नामों की मांग हो रही है, इसलिए जो सामने आए उसे चढा दे.
बिना वैक्सीन लिए भी चढ़ाए जा रहे नाम
दूसरी ओर राजधानी पटना में सातों दिन 24 घंटे चलने वाले टीकाकरण केंद्रों के संचालकों ने ये शिकायत की थी कि कई ऐसे लोग शिकायत लेकर आ रहे हैं जिन्होंने कोविड वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लिया था, लेकिन पोर्टल से फाइनल रिपोर्ट उनके नाम की जारी कर दी गई है.
लोग जब दूसरा डोज लेने केंद्र पर आए तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. इस मामले की जांच भी की गई. इधर, भाकपा-माले विधायक महानंद सिंह ने कहा कि कहा कि ऐसे ही फर्जी डाटा के सहारे इसको पूरे देश की उपलब्धि बताई जा रही है. स्वास्थ्य विभाग की जमीनी हकीकत क्या है, सबको पता है.