पटनाः बिहार में कोरोना का संक्रमण ऐसा कहर बरपा रहा है कि अब अंतिम संस्कार के लिए मोक्षधाम (श्मशान घाट) पर भी नंबर लगाना पड़ रहा है.
दाह संस्कार करने के लिए परिजनों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. श्मशान घाट पर परिजन शव को कतार में रखकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि, पटना नगर निगम के सिटी और अजीमाबाद अंचल के खाजेकला घाट पर विद्युत शवदाह गृह चालू होने से लोगों को राहत मिली है. बावजूद इसके हाल यह है कि 20 से 24 घंटे तक दाह संस्कार के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.
पहले अस्पतालों में बेड के लिए इंतजार करने के बाद उन्हें श्मशान घाट पर भी भूखे-प्यासे इंतजार करना पड़ रहा है. दरअसल, शवों की संख्या बढ़ने से श्मशान घाटों की व्यवस्था चरमरा गई है. पिछले साल की तुलना में इस बार कोरोना से मरने वालों की संख्या दोगुनी हो गई है. पटना में मुख्य श्मशान घाट के रूप में चर्चित बांस घाट पर हर रोज 65 से 70 शव आ रहे हैं.
यह आंकड़ा अभी ढाई से तीन गुना से अधिक हो गया है. ऐसे में शवों की संख्या बढ़ने से श्मशान घाटों की व्यवस्था चरमरा गई है. पिछले तीन सप्ताह में बांस घाट पर कोविड के करीब 900 से अधिक संक्रमित शव को जलाया जा चुका है. यहां जलने वाले शव पटना जिला समेत दूसरे जिलों के भी हैं, जिनकी मौत पटना के अस्पतालों में हुई है.
पटना के बांस घाट पर सबसे अधिक कोविड शवों को जलाया जा रहा है. 24 घंटे यहां संक्रमित शव पहुंच रहे हैं. एक कतार में 19 से 20 संक्रमित शव रखे गए हैं. अभी पुराने की कतार खत्म नहीं होती है कि नई कतार लगनी शुरू हो जा रही है. संक्रमित शव को जलाने में किसी को 17 घंटा, तो किसी को 20 घंटा से अधिक इंतजार करना पड़ रहा है.