सत्ता की चाबी नीतीश कुमार के हाथ में, राजद कोटे के मंत्री और विधायक नाखुश, कहा-पसंदीदा प्रधान सचिव भी नहीं मिल रहे...

By एस पी सिन्हा | Published: October 25, 2022 07:12 PM2022-10-25T19:12:47+5:302022-10-25T19:13:44+5:30

बिहार में महागठबंधन सरकारः राजद सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कुछ खास नहीं कर पा रही है। मंत्री अधिकारियों के व्यवहार से काफी दुखी बताए जा रहे हैं।

bihar cm nitish kumar key to power hands jdu RJD Tejashwi Yadav quota ministers and MLAs unhappy, say even their favorite principal secretary is not available | सत्ता की चाबी नीतीश कुमार के हाथ में, राजद कोटे के मंत्री और विधायक नाखुश, कहा-पसंदीदा प्रधान सचिव भी नहीं मिल रहे...

राजद के कुछ मंत्री नीतीश कुमार से नाराज हैं।

Highlightsतेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद से वह चुप रहने को विवश हैं। राजद के कुछ मंत्री नीतीश कुमार से नाराज हैं। कृषि मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले सुधाकर सिंह ने भी आरोप लगाया था कि नीतीश सरकार में मंत्री सिर्फ रबर स्टांप हैं।

पटनाः बिहार में पाला बदलकर नीतीश कुमार भले ही महागठबंधन के साथ सरकार चला रहे हैं, लेकिन दोनों दलों के बीच दिल नही मिल पा रहे हैं। सत्ता की चाबी नीतीश कुमार के हाथ में होने से न तो राजद कोटे के मंत्री खुश हैं और ना ही विधायक। राजद कोटे के मंत्रियों का हाल यह है कि उनके पसंदीदा प्रधान सचिव नहीं मिलने से उनकी एक नही चल पा रही है।

 

इससे राजद कोटे के मंत्री घुटन महसूस करने लगे हैं। राजद के मंत्री मनमुताबिक काम नहीं हो पा रहे हैं। सूत्रों की अगर मानें तो राजद सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कुछ खास नहीं कर पा रही है। मंत्री अधिकारियों के व्यवहार से काफी दुखी बताए जा रहे हैं। हालांकि तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद से वह चुप रहने को विवश हैं।

लेकिन राजद के कुछ मंत्री नीतीश कुमार से नाराज हैं। उन्हें न तो अपने मनमुताबिक प्रधान सचिव मिले हैं और न ही विभागों में अधिकारी उनकी इच्छा के अनुरूप काम कर पा रहे हैं। पिछले दिनों कृषि मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले सुधाकर सिंह ने भी आरोप लगाया था कि नीतीश सरकार में मंत्री सिर्फ रबर स्टांप हैं।

सुधाकर सिंह अभी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर बने हुए हैं। जानकारों की अगर मानें तो सरकार में शामिल राजद कोटे के मंत्रियों का हाल यह है कि वह चाहकर भी कोई फैसला नही ले पा रहे हैं। लेकिन राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के चलते कुछ बोल भी नही पा रहे हैं।

वह दफ्तर तो जरूर आ रहे हैं, लेकिन शाम होते ही निराश होकर वापस लौटने को मजबूर हो जा रहे हैं। बता दें कि लालू प्रसाद यादव ने राजद नेताओं को चुप रहने और नीतीश कुमार के खिलापह कुछ भी बोलने से मना कर दिया है। ऐसे में हाल यह है कि राजद भले ही सबसे बड़ी पार्टी है मगर सत्ता में दबदबा जदयू का ही देखा जा रहा है।

उधर, अधिकतर विभागों की कार्यशैली एनडीए शासन काल वाली ही देखी जा रही है। जानकारों की मानें तो राजद और जदयू में अंदरखाने में सबकुछ ठीक ठाक नही चल रहा है। ऐसे में महागठबंधन में अंदरखाने जारी खींचतान ने इस बात को हवा दे दी है कि नीतीश कुमार फिर से भाजपा के साथ जा सकते हैं।

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