बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोले, जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए, केंद्र सरकार करे विचार

By एस पी सिन्हा | Updated: July 24, 2021 15:53 IST2021-07-24T15:48:28+5:302021-07-24T15:53:20+5:30

एक बार फिर आग्रह करेंगे कि जातिगत जनगणना कराई जाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में सीएनजी बसों को रवाना करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे.

Bihar CM Nitish Kumar caste-based census in the House in Feb 2019 & 2020 benefits from schemes | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोले, जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए, केंद्र सरकार करे विचार

इस मसले को लेकर राज्‍य का मुख्‍य विपक्षी दल राजद लगातार ही सरकार और खासकर मुख्‍यमंत्री को घेरने में लगा हुआ है.

Highlightsनीतीश ने इसे लेकर आज एक ट्वीट भी किया है.जातिगत जनगणना के बाद बिहार में जाति की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा. केन्द्र सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए.

पटनाः जातिगत जनगणना का मामला अब बिहार में तूल पकड़ता जा रहा है. एक ओर जहां राजद ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है, वहीं अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी एक बार फिर से जातिगत आधारित जनगणना का समर्थन किया है.

नीतीश कुमार ने आज साफ-साफ कहा कि उनका भी यह मानना है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए. निश्चित रूप से जातिगत जनगणना देश में होनी चाहिए. इससे एससी एसटी के अलावा भी अन्य कमजोर वर्ग है, उनकी वास्तविक संख्या की जानकारी होगी और सभी के विकास के कार्यक्रम बनाने में सहायता मिलेगी.

उन्होंने कहा कि एक बार फिर आग्रह करेंगे कि जातिगत जनगणना कराई जाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में सीएनजी बसों को रवाना करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे. उनका मानना है कि जातिगत जनगणना के बाद बिहार में जाति की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा. नीतीश ने इसे लेकर आज एक ट्वीट भी किया है.

मुख्यमंत्री ने लिखा है कि ''हम लोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए. बिहार विधान मंडल ने दिनांक-18.02.19 एवं पुनः बिहार विधान सभा ने दिनांक-27.02.20 को सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया था तथा इसे केन्द्र सरकार को भेजा गया था. केन्द्र सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए.

यहां बता दें कि इस मसले को लेकर राज्‍य का मुख्‍य विपक्षी दल राजद लगातार ही सरकार और खासकर मुख्‍यमंत्री को घेरने में लगा हुआ है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने भी इस मसले पर सवाल उठाए थे. उन्होंने भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साघते हुए कहा कि भाजपा को पिछडे़ और अतिपिछडे़ वर्गों से इतनी नफरत क्यों है?

तेजस्वी का कहना है कि जब तक पिछडे़ वर्गों की वास्तविक संख्या पता नहीं चलेगी, तब तक उनके फायदे की योजनाएं कैसे बनेगी? उन्होंने कहा कि बिहार के दोनों सदनों में भाजपा जातीय जनगणना का समर्थन करती है, लेकिन संसद में बिहार के ही कठपुतली मात्र पिछडे़ वर्ग के राज्यमंत्री से जातीय जनगणना नहीं कराने का एलान कराती है.

केंद्र सरकार ओबीसी की जनगणना क्यों नहीं कराना चाहती? उन्होंने हाल में ही सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था. तेजस्वी ने अपने ट्वीट लिखा था कि -''जातीय जनगणना के लिए हमारे दल ने लंबी लड़ाई लड़ी है और लड़ते रहेंगे. यह देश के बहुसंख्यक यानि लगभग 65 फीसदी से अधिक वंचित, उपेक्षित, उपहासित, प्रताड़ित वर्गों के वर्तमान और भविष्य से जुड़ा मुद्दा है.

भाजपा सरकार पिछडे़ वर्गों के हिंदुओं को क्यों नहीं गिनना चाहती? क्या वो हिंदू नहीं है?'' तेजस्वी ने लिखा कि- ''जब तक पिछडे वर्गों की वास्तविक संख्या ज्ञात नहीं होगी तो उनके कल्यानार्थ योजनाएं कैसे बनेगी? उनकी शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बेहतरी कैसे होगी? उनकी संख्या के अनुपात में बजट कैसे आवंटित होगा?

वो कौन लोग है जो नहीं चाहते कि देश के संसाधनों में से सबको बराबर का हिस्सा मिले?'' वहीं, राजद नेता सदानंद तिवारी ने जाति आधारित जनगणना को सामाजिक न्याय के लिए जरूरी बताया है. जबकि केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि 2021 की जनगणना के साथ केंद्र सरकार सिर्फ एससी-एसटी वर्ग के लोगों की ही गिनती कराने के पक्ष में है. अन्य किसी के लिए ऐसा नहीं किया जायेगा. इस बयान के बाद सियासी गहमागहमी तेज हो गई है.

Web Title: Bihar CM Nitish Kumar caste-based census in the House in Feb 2019 & 2020 benefits from schemes

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे