पटनाः बिहार की नई सरकार में सुशील मोदी के उपमुख्यमंत्री ना बनने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ये भारतीय जनता पार्टी का फैसला है। हमारा गठबंधन है, हम लोग मिलकर काम करते हैं, मिलकर काम करेंगे। फिर ज़िम्मेदारी का निर्वहन करना है। एक नया मौका मिला है, हर बार कुछ न कुछ नया होता है।
नीतीश कुमार ने कहा कि मैं उन्हें मिस करूंगा। नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2005 से बन रही एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार के शपथ ग्रहण के मौके पर पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की मौजूदगी अनिवार्य रही है। हर समय वह मेरे साथ रहे।
सीएम ने कहा कि भाजपा का फैसला है। आप लोग बीजेपी से पूछ लीजिए। गठबंधन सरकार में बोलना ठीक नहीं है। लेकिन मैं हमेशा मिस करूंगा। 2005 से मैं उनके साथ काम कर रहा हूं। सुशील मोदी वर्ष 1990 में पहली बार पटना मध्य से विधायक बने थे और पहली बार वर्ष 2000 में जब नीतीश कुमार सात दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने थे तो उस समय सुशील कुमार मोदी संसदीय कार्य मंत्री बने थे।
वर्ष 2005 में एनडीए सरकार सत्ता में आई तब वे पहली बार उप-मुख्यमंत्री बने और वे इस पद पर जून 2013 तक बने रहे, वर्ष 2017 में जब फिर से बिहार में एनडीए की सरकार बनी तो वे फिर से उप-मुख्यमंत्री बने। लेकिन, इस बार बीजेपी ने बड़ा बदलाव किया है और सुशील मोदी सहित कई प्रमुख नेताओं को नजरअंदाज करते हुए सत्ता का नया समीकरण तैयार किया है।
नवंबर 2005 के बाद से साल 2014-15 को छोड़कर लगातार मुख्यमंत्री रहे
नीतीश कुमार (69 वर्षीय) नवंबर 2005 के बाद से साल 2014-15 को छोड़कर लगातार मुख्यमंत्री रहे हैं। 2014-15 में जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बने थे। बहरहाल, शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘ जनता का फैसला है और इसी के अनुरूप राजग की सरकार बनी है। हम लोग मिलकर काम करेंगे।’’
कुमार ने कहा, ‘हम जनता की सेवा करते रहे हैं और आगे भी सेवा करेंगे।’ सुशील मोदी के बारे में एक सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा कि यह भाजपा का निर्णय है कि कौन लोग रहेंगे और कौन नहीं रहेंगे । उन्होंने कहा, ‘यह प्रश्न तो आप भाजपा से पूछें।’’
इस बार भाजपा से कई बड़े चेहरों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला जिसमें सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर यादव और प्रेम कुमार शामिल हैं। वहीं, सुशील मोदी ने ट्वीट किया, ‘नीतीश कुमार के सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर हार्दिक बधाई। आपके नेतृत्व में बिहार और आगे बढ़ेगा। श्री नरेन्द्र मोदी का सहयोग बिहार को हमेशा मिलता रहेगा।’
भाजपा से सात और जद(यू) से पांच नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली
नीतीश कुमार ने सोमवार को यहां बिहार के मुख्यमंत्री पद की सातवीं बार शपथ ग्रहण की। राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल फागू चौहान ने कुमार को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। नीतीश कुमार के साथ भाजपा के सात मंत्रियों, जद (यू) से पांच मंत्रियों और ‘हम’ पार्टी तथा वीआईपी पार्टी से एक-एक मंत्रियों ने शपथ ली। भाजपा विधानमंडल दल के नेता एवं कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद और उपनेता एवं बेतिया से विधायक रेणु देवी ने भी शपथ ली। तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी उपमुख्यमंत्री बनाये गए हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके नीतीश कुमार को पुनः बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं रेणु देवी और मंत्री पद की शपथ लेने वाले सभी लोगों को बधाई।’’ नीतीश कैबिनेट का इस बार का स्वरूप बदला नजर आ रहा है। इसमें भाजपा से अधिक मंत्रियों ने शपथी ली और दो उपमुख्यमंत्री बनाये गए।
चुनाव में भाजपा को 74 सीटें मिलीं जो जद (यू) को मिली 43 सीटों से 31 सीट अधिक है । हालांकि, चुनाव पूर्व किये गए भाजपा के वादे के अनुरूप नीतीश कुमार ने ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर नीतीश कुमार जी को बधाई । बिहार सरकार में शपथ लेने वाले मंत्रियों को भी मैं शुभकामनाएं देता हूं ।’’ मोदी ने कहा, ‘‘ बिहार के कल्याण के लिये मैं केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन देता हूं। ’’