पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज भी जनता दरबार लगाया। लेकिन जनता दरबार को ऑफलाइन कर दिए जाने के कारण फरियादियों के बारे में मीडिया को जानकारी नहीं मिल पाई। हालांकि, जनता दरबार को सालों से लोग ऑनलाइन देख-सुन रहे थे। इधर, हाल के दिनों में जनता दरबार से फजीहत होते देख सरकार ने ऑनलाइन प्रसारण को बंद करा दिया है। इसके साथ ही मीडिया के जाने पर भी पाबंदी लगा दी गई, जिसके चलते जनता दरबार की सही स्थिति सामने नहीं आ पा रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर 16 अक्टूबर को भी जनता दरबार का ऑनलाइन प्रसारण नहीं किया गया। हालांकि 9 अक्टूबर से ही मुख्यमंत्री के दरबार को ऑनलाइन देखने-सुनने पर रोक लग गई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज भी जनता के दरबार में बिहार भर से आए फरियादियों की शिकायतों को सुनी और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में शुरुआती दौर में मीडिया को बुलाया जाता था। जनता दरबार की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री पत्रकारों के सवालों का जवाब देते थे। कई ऐसे मौके आये जब मुख्यमंत्री को तल्ख सवालों से सामना हो गया। तब वे भारी परेशानी में पड़ जाते थे। कई ऐसे सवाल थे जिनका जवाब देना संभव नहीं था।
कोरोना काल के बाद पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया। तब कहा गया कि मीडिया की फौज से कोरोना बढ़ने का खतरा है। इसके बाद सिर्फ न्यूज एजेंसी के पत्रकारों को बुलाया जाने लगा। कुछ महीनों तक यह फार्मूला चला। लेकिन यहां भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को परेशानी होने लगी क्योंकि जनता दरबार की समाप्ति के बाद न्यूज एजेंसी के पत्रकार भी सवाल पूछते थे, जिनसे मुख्यमंत्री परेशान होते थे।
कुछ समय बाद न्यूज एजेंसी के पत्रकारों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई। इसके बाद सूचना जनसंपर्क विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जनता दरबार कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाने लगा। लाइव प्रसारण के दौरान भी जनता दरबार की हकीकत की पोल खुलने लगी। तब भी मजबूरन लाइव प्रसारण किया जाता रहा। लेकिन 4 सितंबर के जनता दरबार में तो हद हो गया,...जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भूल गए कि वे गृह मंत्री भी हैं।
लाइव प्रसारण की वजह से यह बात निकलकर बाहर आ गई। इस वाकये के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 11 सितंबर को जनता के दरबार में हाजिर हुए। तब कार्यक्रम का सोशल मीडिया पर लाईव तो किया गया, लेकिन आवाज को बंद कर दिया गया। अब जनता दरबार का लाइव प्रसारण से ही सरकार ने तौबा कर लिया।