बक्सर: बिहार में लागू शराबबंदी कानून के बावजूद 'जहरीली शराब' से मौतों की घटनाएं लगातार जारी है। ताजा मामला बक्सर का है जहां बुधवार को अमसारी गांव में करीब छह लोगों की संदिग्ध मौत हो गई। कम से कम चार लोगों को अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
वहीं परिवार वालों का आरोप है कि मौतें जहरीली शराब पीने से हुई हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार एक मृतक के रिश्तेदार ने कहा, 'ऐसा जहरीली शराब के कारण हुआ है। प्रशासन क्या कर रहा है? अगर शराबबंदी है तो उन्हें शराब कैसे मिली?'
बक्सर के मुरार पुलिस थाने के अमसारी गांव की घटना सारण जिले में हुई 5 मौतों के एक हफ्ते के भीतर हुई है। सारण की घटना से करीब एक हफ्ते पहले सीएम नीतीश कुमार के गृह जनपद नालंदा में भी नकली शराब पीकर 11 लोगों की मौत हो गई थी।
वहीं, उससे पहले दीपावली के आसपास पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर जिलों में 40 से अधिक लोगों की जान इस नकली शराब के चलते चली गई थी।
मौतों पर हो रही बिहार सरकार की आलोचना
बिहार में अप्रैल 2016 में शराब की बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद भी नकली और जहरीली शराब से मौत की घटनाएं सामने आती रही हैं। इसे लेकर विपक्ष नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री एनडीए में साझीदार हिंदुस्तान युवा मोर्चा के जीतन राम मांझी ने भी शराबबंदी के कानून को फेल बताते हुए इसे खत्म करने की मांग की है।
यही नहीं भाजपा प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने भी हाल में कहा था कि बिहार में शराबबंदी विफल रही, जिसका कारण अधिकारियों द्वारा सख्ती से इसका पालन नहीं करना और धन उगाही के लिए इसका इस्तेमाल करना रहा है।