पटनाः बिहार की सियासत में आज उसवक्त हलचल मच गई, जब नरकटियागंज से भाजपा विधायक रश्मि वर्मा ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा बिहार विधानसभा अध्यक्ष को भेजा है. रश्मि वर्मा ने अपना इस्तीफा देते हुए लिखा है कि वह निजी कारणों से अपने विधायक पद से इस्तीफा दे रही हैं.
हालांकि, निजी कारणों पर कुछ भी स्पष्ट नहीं है. भाजपा विधायक रश्मि वर्मा के द्वारा अपने इस्तीफे का कारण नहीं बताये जाने से इसके भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. सत्ताधारी दल के विधायक के इस्तीफे की खबर से राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मच गया है. भाजपा इस मुद्दे पर बोलने से परहेज कर रही है. चर्चा है कि विधायक ने भ्रष्टाचार से त्रस्त होकर इस्तीफा दिया है.
विधायक के करीबियों की मानें तो वह क्षेत्र की समस्या को लेकर काफी परेशान थी. प्रशासनिक स्तर पर विधायक की बात पर कोई सुनवाई नहीं हो रही थी. क्षेत्र में घूसखोरी चरम पर है. सरकार को पत्र लिखने के बाद भी ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियरों को हटाया नहीं जा रहा था. चीनी मिल किसानों की समस्या का समाधान नहीं हो रहा था.
बताया जाता है कि नीतीश सरकार में अफसरशाही व भ्रष्टाचार से त्रस्त होकर इस्तीफा देने की घोषणा की है. विधायक व उनके समर्थकों पर हाल के दिनों में कुछेक मुकदमे भी हुए हैं. एक व्यक्ति विशेष के दबाव की भी त्याग पत्र देने की चर्चा है. यहां बता दें कि रश्मि वर्मा एक राजघराने से संबंधित रही हैं. उनका लम्बा राजनीतिक कैरियर रहा है.
रश्मि 2014 में रातों रात जदयू से भाजपा में गईं और भाजपा के टिकट पर उपचुनाव में नौ माह के लिए विधायक बनीं थीं. हालांकि 2015 के चुनाव में भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गईं. रश्मि के कारण ही नरकटियागंज विधानसभा का चुनाव त्रिकोणात्मक हो गया था. तब रश्मि वर्मा के जेठ विनय वर्मा कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव जीतें. उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता.