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बिहार विधानसभा में हंगामा, राजद प्रमुख लालू यादव भड़के, ट्वीट किया-सीएम नीतीश संघ के प्यादे और छोटा रिचार्ज...

By सतीश कुमार सिंह | Updated: March 24, 2021 19:26 IST

बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल, 2021 विधेयक को लेकर उनकी पार्टी के विधायकों ने सदन में एक स्थगन प्रस्ताव दिया हुआ था।

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ठळक मुद्देविपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस ‘काला कानून’ और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर किये गये मार्च का नेतृत्व किया।पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा विधानसभा परिसर पहुंचे।विधेयक पिछले हफ्ते विधानसभा में पेश किया गया था।

पटनाः पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देने वाला एक विधेयक नीतीश कुमार सरकार के बिहार विधानसभा में पेश करने के बाद मंगलवार को सदन में अभूतपूर्व स्थित देखने को मिली।

इस बीच विपक्ष ने नीतीश सरकार पर हमला बोल दिया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर करारा हमला किया। राजद प्रमुख ने ट्वीट कर कहा कि संघ की गोद में खेलने वाला नीतीश संघ के प्यादे और छोटा रिचार्ज हैं।

दूसरा ट्वीट कर कहा कि बेशर्म कुकर्मी आदमी, आँख और कान खोल देख! महंगाई और बेरोजगारी के ख़िलाफ़ विपक्ष सवाल नहीं पूछेगा तो क्या तुम पूछोगे?  हे उच्च कोटि के आरएसएस के एजेंट तथा 30 साल के लड़के द्वारा हराए गए 40 सीट के रीढ़विहीन कथित मुख्यमंत्री,तुम्हें लोहिया जी को श्रद्धांजलि देने का नैतिक अधिकार नहीं,तुम्हें तो शर्मांजलि अर्पित करनी चाहिए वह भी घुटनों के बल नाक रगड़ कर लोहिया जयंती पर क्या-क्या कुकर्म किए है तुमने?

स्पीकर के कक्ष का घेराव करने वाले विपक्ष के विधायकों को हटाने के लिए सदन में पुलिस बुलानी पड़ गई। विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दल के महागठबंधन के सदस्य बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 का विरोध कर रहे हैं।

तेजस्वी ने ट्वीट किया, ‘‘आज राम मनोहर लोहिया की जयंती है, जिन्होंने कहा था कि अगर सड़कें खामोश हो जाएँ, तो संसद आवारा हो जाती है।’’ उन्होंने क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की याद में उर्दू की कुछ पंक्तियां भी ट्वीट कीं। अनधिकृत जुलूस निकालने और डाक बंगला चौराहे पर पथराव करने में संलिप्त रहने को लेकर पुलिस तेजस्वी और राजद के अन्य नेताओं को कोतवाली थाना ले गये थी।

कांग्रेस ने पुलिस को कथित तौर पर बिना वारंट के गिरफ्तारी की विशेष शक्ति देने के प्रावधान वाले एक विधेयक को लेकर बिहार विधानसभा में हुए हंगामे पर बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार " आरएसएस - भाजपा मय " हो गए हैं।

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह दावा भी किया कि ‘ लोकतंत्र का चीरहरण करने वालों ’ को सरकार कहलाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया , " बिहार विधानसभा की शर्मनाक घटना से साफ़ है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह आरएसएस - भाजपा मय हो चुके हैं। "

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा , " लोकतंत्र का चीरहरण करने वालों को सरकार कहलाने का कोई अधिकार नहीं है।विपक्ष फिर भी जनहित में आवाज़ उठाता रहेगा - हम नहीं डरते !" पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक वीडियो जारी कर दावा किया , ‘‘ बिहार की जदयू - भाजपा सरकार ने विधानसभा में जो किया वो भारत के प्रजातंत्र के इतिहास में कभी नहीं हुआ।

विधानसभा के अंदर विधायकों को पुलिस द्वारा लात - घूसों से पिटवाया गया। विधायकों पर पथराव किया गया। महिला विधायकों से का अनादर किया गया। ’’ उन्होंने कहा , ‘‘ प्रजातंत्र की हत्या की गई है। अगर देशवासी नहीं जागे तो लोकतंत्र नहीं बचेगा। गुंडागर्दी और लोकतंत्र की हत्या जदयू - भाजपा का चाल , चरित्र और चेहरा बन गई है। ’’

सुरजेवाला ने यह भी कहा , ‘‘ अगर चुने हुए प्रतिनिधियों का इस तरह से अपमान होगा तो देश का संविधान बच नहीं पाएगा। हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि इस तानाशाही और गुंडागर्दी के खिलाफ आवाज उठाए। ’’ गौरतलब है कि पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देने वाला एक विधेयक नीतीश कुमार सरकार के बिहार विधानसभा में पेश करने के बाद मंगलवार को सदन में अभूतपूर्व स्थित देखने को मिली।

विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष का घेराव करने वाले विपक्ष के विधायकों को हटाने के लिए सदन में पुलिस बुलानी पड़ गई। विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दल के महागठबंधन के सदस्य बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक , 2021 का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इसे लेकर विधानसभा में हंगामा किया , जिसके चलते सदन की कार्यवाही दिन में पांच बार स्थगित करनी पड़ी। 

बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल, 2021 विधेयक को लेकर उनकी पार्टी के विधायकों ने सदन में एक स्थगन प्रस्ताव दिया हुआ था। गौरतलब है कि यह विधेयक पिछले हफ्ते विधानसभा में पेश किया गया था। यह बिहार मिलिट्री पुलिस का नाम बदलने का प्रस्ताव करता है, उसे कहीं अधिक शक्तियां देता है और कथित तौर पर बगैर वारंट के लोगों को गिरफ्तार करने का उसे अधिकार देता है।

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