बिहार विधानसभा चुनावः कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू 20 और मल्लिकार्जुन खड़गे 22 फरवरी को आ रहे पटना?, लालू और तेजस्वी यादव से करेंगे मुलाकात
By एस पी सिन्हा | Updated: February 17, 2025 16:40 IST2025-02-17T16:39:41+5:302025-02-17T16:40:32+5:30
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार मल्लिकार्जुन खड़गे बक्सर में पार्टी की ओर से आयोजित जय बापू-जय भीम जय संविधान कार्यक्रम में शामिल होंगे।

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पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी सक्रिय हो गई है। पार्टी ने हाल ही में बिहार में नया प्रभारी नियुक्त किया है। अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आगामी 22 फरवरी को बिहार आ रहे हैं। इसके साथ ही बिहार कांग्रेस के प्रभारी बनने के बाद कृष्णा अल्लावरू 20 फरवरी को पटना आ रहे हैं। ऐसे में दोनों नेताओं के आगमन को लेकर तैयारी की जा रही है। कांग्रेस कार्यकर्ता दोनों नेताओं का पटना एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत करेंगे। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार मल्लिकार्जुन खड़गे बक्सर में पार्टी की ओर से आयोजित जय बापू-जय भीम जय संविधान कार्यक्रम में शामिल होंगे।
इसके पहले पटना पहुंचने पर सदाकत आश्रम में खड़गे के स्वागत को लेकर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जहां मंच से वो कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। बक्सर में होने वाले इस कार्यक्रम को पार्टी आगामी चुनावों की तैयारी से जोड़कर देख रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में इस दौरे को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है।
कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। बता दें कि इससे पहले 20 दिन के भीतर राहुल गांधी दो बार बिहार आ चुके थे। राहुल गांधी के ठीक बाद अब खड़गे बिहार आ रहे हैं। इसको लेकर कांग्रेस नेताओं में काफी उत्साह देखी जा रही है। वहीं, खडगे के बिहार दौरे को लेकर कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है।
इस कार्यक्रम में बिहार कांग्रेस के नए प्रभारी कृष्णा अल्लावरू भी मौजूद रहेंगे। वहीं, अल्लावरू 20 फरवरी से तीन दिन तक बिहार में ही रहेंगे। कर्नाटक के रहने वाले युवा नेता कृष्णा अल्लावरू को राहुल गांधी के करीबी नेताओं में माना जाता है। बता दें कि बिहार में राजद के साथ गठबंधन को लेकर स्थिति साफ नहीं है।
पिछले दिनों लालू यादव ने ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक का नेता बनाने की वकालत की तो तेजस्वी ने इंडिया गठबंधन को सिर्फ लोकसभा चुनाव तक सीमित रहने की बात कही थी। राजद नेताओं की इस बयानबाजी पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई थी। इसके ठीक बाद जब राहुल गांधी पटना आए थे, तो उन्होंने बिहार में हुई जातीय जनगणना को फर्जी बताया था।
राहुल के इस बयान से राजद असहज हो गई थी, क्योंकि तेजस्वी यादव की ओर जातीय जनगणना का क्रेडिट लूटने की कोशिश होती रही है। दिल्ली में कांग्रेस ने जिस तरह से आम आदमी पार्टी से गठबंधन तोड़ा है, उसका असर भी बिहार में दिखाई पड़ रहा है। सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी इन दिनों 'सिर पर कफन' बांधकर निकली है।
अगर बिहार में राजद ने उसको आंखे दिखाने की कोशिश की तो कांग्रेस उससे गठबंधन तोड़ सकती है। इससे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने का सपना चकनाचूर हो सकता है। हालांकि, राहुल गांधी अपने बिहार दौरे में लालू यादव के घर उनसे मिलने गए थे। इससे गठबंधन मजबूत होने का संकेत मिला था। लेकिन अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बिहार दौरे पर लोगों की निगाहें टिकी हैं।