पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने राज्य के सभी 38 जिलों में मतदान केंद्रों का निर्धारण कर दिया है। इस बार 243 विधानसभा क्षेत्रों के लिए कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। पिछले चुनाव की तुलना में यह संख्या करीब 12,817 अधिक है। सबसे ज्यादा मतदान केंद्र राजधानी पटना जिले में बनाए गए हैं। यहां 14 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 5,665 बूथ होंगे। वहीं, सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र वाले शिवहर जिले में सबसे कम 368 मतदान केंद्र होंगे। पटना के बाद मुजफ्फरपुर (4,186), पूर्वी चंपारण (4,095), मधुबनी (3,882), गया (3,866), समस्तीपुर (3,623) और दरभंगा (3,329) उन जिलों में शामिल हैं, जहां सर्वाधिक मतदान केंद्र निर्धारित किए गए हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पटना सहित आठ जिले ऐसे हैं, जिनमें 10 या उससे अधिक विधानसभा क्षेत्र आते हैं।
वहीं, 17 जिलों में पांच से दस के बीच और 13 जिलों में पांच से कम विधानसभा क्षेत्र हैं। मतदान केंद्रों के लिहाज से शिवहर, शेखपुरा (582), अरवल (651), लखीसराय (904) और जहानाबाद (1009) सबसे छोटे जिले माने जा रहे हैं। इस बार मतदान केंद्रों की संख्या इसलिए बढ़ी है क्योंकि अब एक बूथ पर अधिकतम 1,200 मतदाता ही होंगे।
पहले यह सीमा 1,500 तक थी। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में तय नई सीमा ने मतदान केंद्रों की संख्या को काफी बढ़ा दिया है। चुनाव आयोग ने इस बार सुरक्षा और पारदर्शिता पर खास ध्यान दिया है। सभी 90,712 मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था होगी।
इसके लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) आधारित कैमरे लगाए जाएंगे, जो सीधे जिला निर्वाचन कार्यालय और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से जुड़े रहेंगे। इससे मतदान प्रक्रिया पर हर पल नजर रखी जा सकेगी। यानी, बिहार चुनाव 2025 में मतदाता सिर्फ वोट डालने ही नहीं जाएंगे, बल्कि एक पारदर्शी और तकनीक-सक्षम चुनावी माहौल का भी हिस्सा बनेंगे।