Bihar Assembly elections 2025: लालू परिवार में गहराता जा रहा है विवाद, तेज प्रताप ने पार्टी में ना जाने की खाई कसम, तेजस्वी को देंगे चुनौती
By एस पी सिन्हा | Updated: September 22, 2025 15:00 IST2025-09-22T14:59:10+5:302025-09-22T15:00:27+5:30
Bihar Assembly elections 2025: एक तरफ तेज प्रताप की अलग राह उनके समर्थकों को नई उम्मीद दे रही है, वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी के नेतृत्व वाली पार्टी की कड़ी पकड़ भी मजबूत दिख रही है।

Bihar Assembly elections 2025: लालू परिवार में गहराता जा रहा है विवाद, तेज प्रताप ने पार्टी में ना जाने की खाई कसम, तेजस्वी को देंगे चुनौती
Bihar Assembly elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जारी सियासी सरगर्मी के बीच लालू परिवार का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। लालू परिवार में तेज प्रताप यादव के बाद रोहिणी आचार्य ने बगावती सुर अपना लिया है। रोहिणी के ट्वीट का बवाल अभी थमा भी नहीं था कि तेज प्रताप ने यह ऐलान किया है कि वो गीता और श्रीकृष्ण की कसम खाते हैं कि दोबारा कभी राजद में नहीं जाएंगे। दरअसल, एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान तेज प्रताप यादव ने साफ कर दिया है कि अब उनका राजद में लौटने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई बुलाए, वो गीता और भगवान श्रीकृष्ण की कसम खाकर कहते हैं कि पार्टी में दोबारा वापसी नहीं करेंगे। तेज प्रताप ने कहा कि वे राजनीति और पारिवारिक रिश्तों को अलग-अलग रखते हैं।
उन्होंने कहा कि, माता-पिता हमारे भगवान हैं, उनका प्रेम हमेशा रहेगा। लेकिन पार्टी-पॉलिटिक्स अलग चीज है। कोई बुलाएगा तब भी हम नहीं जाएंगे। उन्होंने अपनी बातों को दोहराया कि वे जनशक्ति जनता दल से ही चुनाव लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारा मिशन है शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी। हम बार-बार कह रहे हैं कि महुआ से चुनाव लड़ेंगे। निष्कासन के बाद से ही तेज प्रताप ने ऐलान कर दिया था कि वे महुआ से चुनाव लड़ेंगे। इस सीट से अभी राजद के मुकेश रोशन विधायक हैं, जबकि तेज प्रताप वर्तमान में समस्तीपुर के हसनपुर से विधायक हैं। बता दें कि तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों कहा था कि महुआ विधानसभा क्षेत्र से वही चुनाव लड़ेगा जो पार्टी (राजद) का होगा।
इसके अगले ही दिन महुआ में जनसभा में वर्तमान विधायक मुकेश रौशन को बगल में खड़ा कर तेजस्वी यादव ने एक बार फिर यह संकेत दे दिया कि उनके मन में मुकेश रौशन ही हैं। यानी महुआ में राजद का उम्मीदवार होगा और सामने जनशक्ति जनता दल उम्मीदवार के तौर पर तेज प्रताप यादव होंगे। ऐसे में राजद की राजनीति दिलचस्प मोड़ पर खड़ी है।
महुआ विधानसभा क्षेत्र दोनों भाइयों के लिए महत्वपूर्ण है और अब इसी राजनीतिक टकराव का मैदान बन गया है। तेज प्रताप का अलग होना और तेजस्वी का अपने पक्ष को मजबूती देना इस बात का प्रमाण है कि राजद के अंदर अब मतभेद गहरा गए हैं। यह साफ हो गया है कि राजद के भीतर अब दोनों भाइयों के बीच दूरी इतनी बढ़ गई है कि वापसी या मेलमिलाप की कोई उम्मीद कम हो गई है। तेज प्रताप का स्पष्ट ‘ना’ और तेजस्वी का ठोस रुख पार्टी में गहरे मतभेदों की तरफ इशारा करता है। इसका असर राजद के संगठन और चुनावी रणनीति पर भी पड़ सकता है। ऐसे में साफ है कि यह सिर्फ दो भाइयों की लड़ाई नहीं, बल्कि पूरे दल की राजनीति और भविष्य पर सवाल खड़े करता है। एक तरफ तेज प्रताप की अलग राह उनके समर्थकों को नई उम्मीद दे रही है, वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी के नेतृत्व वाली पार्टी की कड़ी पकड़ भी मजबूत दिख रही है।
इस राजनीतिक टकराव से महुआ के मतदाता अब चुनावी मुकाबले को पहले से ज्यादा रोचक और चुनौतीपूर्ण देख रहे हैं। तेज प्रताप की अलग राजनीति नए समीकरण बना रही है और तेजस्वी की पार्टी भी अपने दम पर टिके रहने की कोशिश कर रही है। ऐसी स्थिति में महुआ विधानसभा क्षेत्र अब केवल एक चुनाव क्षेत्र नहीं रहा, बल्कि तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच ‘राजनीतिक महायुद्ध’ का स्थल बन चुका है।
महुआ विधानसभा क्षेत्र में दो यादव भाइयों के बीच सीधे मुकाबले की संभावना दिखाई दे रही है। यह मुकाबला न सिर्फ राजद के लिए, बल्कि पूरे बिहार की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। बता दें कि तेज प्रताप यादव को राजद से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। यही नहीं, उन्हें परिवार से भी बेदखल कर दिया गया। इसकी वजह उनकी कथित गर्लफ्रेंड अनुष्का यादव के साथ तस्वीरें और रिश्ते की बातें सामने आना बताया गया।