Bihar Elections 2020: मुंगेर में पुलिस फायरिंग, युवक की मौत, नाराज लोगों ने किया वोट का बहिष्कार, एसपी के प्रति आक्रोश
By एस पी सिन्हा | Published: October 28, 2020 09:19 PM2020-10-28T21:19:39+5:302020-10-28T21:19:39+5:30
मुंगेर विधानसभा क्षेत्र के सदर प्रखंड अंतर्गत चरौन गांव में लोगों ने वोट का बहिष्कार कर दिया. लोग इस बात से आक्रोशित हैं कि उनकी आस्था के साथ प्रशासन ने खिलवाड किया है इसलिए वोट नहीं देंगे.
पटनाः बिहार के मुंगेर में दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान हुई पुलिस फायरिंग में एक युवक की मौत को लेकर मतदान के प्रति लोगों का आक्रोश साफ दिखा.
एक ओर जहां मुंगेर विधानसभा क्षेत्र के शहरी क्षेत्र में काफी कम संख्या में मतदाता अपने घरों से वोट डालने के लिए निकले, वहीं दूसरी ओर मुंगेर विधानसभा क्षेत्र के सदर प्रखंड अंतर्गत चरौन गांव में लोगों ने वोट का बहिष्कार कर दिया. लोग इस बात से आक्रोशित हैं कि उनकी आस्था के साथ प्रशासन ने खिलवाड किया है इसलिए वोट नहीं देंगे.
मुंगेर विधानसभा के चरौन में 4 मतदान केंद्र हैं, जहां लगभग 2300 मतदाता
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंगेर विधानसभा के चरौन में 4 मतदान केंद्र हैं, जहां लगभग 2300 मतदाता हैं, लेकिन यहां मात्र 34 लोगों ने वोट डाले. ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग वोट क्यों डालें? जब हमारी आस्था के साथ सरकार व प्रशासन के लोग खिलवाड़ किया है.
लोगों का कहना रहा कि जबर्दस्ती दुर्गा प्रतिमाओं को खींचकर पुलिस प्रशासन ने विसर्जन कराने के लिए दबाव दिया और उन लोगों के साथ न केवल दुर्व्यवहार किया बल्कि मुंगेर में एक युवक की गोली मारकर हत्या भी कर दी. इस मामले में प्रशासन द्वारा जो कार्रवाई की गई है, उसका हम लोग विरोध कर रहे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि दोषियों पर कार्रवाई नहीं कर सरकार ने यह संदेश दिया
ग्रामीणों का कहना है कि दोषियों पर कार्रवाई नहीं कर सरकार ने यह संदेश दिया है कि वह लोग वोट नहीं डालें. इसलिए हमलोगों ने वोट का बहिष्कार कर दिया और वोट नहीं डाले. क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई वारदात को लेकर लोगों में आक्रोश देखा गया और लोग वोट डालने घरों से नहीं निकले. यहां बता दें कि मुंगेर जिले में दुर्गा जी की प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस से हुई झडप में एक युवक की मौत और छह से ज्यादा लोग घायल हो गए है. घायलों का इलाज सदर अस्पताल में किया जा रहा है.
इसबीच एसपी लिपि सिंह एकबार फिर से चर्चा में हैं. दरअसल, डीएम राजेश मीणा और और एसपी लिपि सिंह ने इस घटना पर सफाई देते हुए दो अलग-अलग वीडियो क्लिप जारी किए. इसके बाद से ही लिपि सिंह भी अब लोगों के निशाने पर आ गई हैं. बिहार में पहले चरण के मतदान से पहले मुंगेर में हुई इस घटना के बाद से लोग लिपी सिंह पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस नाकाम रही है.
नालंदा जिले की रहने वाली लिपि सिंह के पिता आर सी पी सिंह जदयू से राज्यसभा सांसद
मूल रूप से बिहार के नालंदा जिले की रहने वाली लिपि सिंह के पिता आर सी पी सिंह जदयू से राज्यसभा सांसद हैं. लिपी बिहार में फिलहाल प्रशासिक सेवा की अधिकारी हैं. लिपि सिंह के पति सुहर्ष भगत भी आईएएस अफसर हैं, वो फिलहाल बिहार के बांका जिले के जिलाधिकारी हैं.
अब लिपि सिंह को लेकर चर्चा हो रही है कि चुनाव के दौरान नेताओं के रिश्तेदार और करीबियों को ट्रांसफर किया जाता है. लेकिन सत्तारुढ दल के नेता आरसीपी सिंह की बेटी लिपि सिंह का ट्रांसफर नहीं किया गया. ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर लिपि सिंह का ट्रांसफर क्यों नहीं किया गया?
इससे पहले पिछले साल लिपि सिंह मोकामा जिले के बाहुबली और निर्दलीय विधायक अनंत सिंह पर कार्रवाई करके भी चर्चा में आईं थी. विधायक अनंत सिंह को जब वह दिल्ली से लाने गई थीं तो उन्होंने एक विधान पार्षद की गाडी का इस्तेमाल किया था, जिसकी सवारी उनके पिता करते थे और उसपर राज्यसभा का स्टीकर भी सटा हुआ था.
उस वक्त भी अच्छा खासा बवाल हुआ था. विधायक के गांव के घर से एक एके-47 बरामद हुई, जिसके बाद अनंत सिंह को जेल जाना पड़ा है. उस समय अनंत सिंह ने आरोप लगाया था कि आरसीपी सिंह के इशारों पर ही लिपि सिंह ने उन पर कार्रवाई की है. इसतरह लिपी सिंह लगातार सुर्खियों में रही हैं.