Bihar Elections 2020: बगावत से परेशान भाजपा, 43 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया, बागी पहुंचे लोजपा
By एस पी सिन्हा | Published: October 30, 2020 08:50 PM2020-10-30T20:50:43+5:302020-10-30T20:50:43+5:30
जानकारों की अगर मानें तो भाजपा के गठन के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब पार्टी के खिलाफ जाकर इतनी बड़ी संख्या में बागी चुनावी मैदान में उतरने को विवश हुए हैं.
पटनाः बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा भले ही पूरी दमखम के साथ सत्ता में वापसी की जोर आजमाइश में जुटी हुई है. लेकिन इसबार के चुनाव में सबसे अधिक बागियों की बगावत से वह परेशान रही है.
भाजपा ने अबतक 43 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है. ये ऐसे नेता हैं, जो मौजूदा या पूर्व विधायक के अलावा प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी हैं. अगर जिलास्तरीय इकाइयों से निष्कासित नेताओं को शामिल करें तो बागियों की संख्या कहीं और अधिक है. जानकारों की अगर मानें तो भाजपा के गठन के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब पार्टी के खिलाफ जाकर इतनी बड़ी संख्या में बागी चुनावी मैदान में उतरने को विवश हुए हैं.
इन बागियों में ढाई दर्जन जदयू के खिलाफ तो दर्जन भर प्रत्याशी भाजपा के खिलाफ ही चुनावी मैदान में उतर कर चुनावी समीकरण को बिगाडने में जुटे हुए हैं. पार्टी सूत्रों की मानें तो चुनाव में बागियों पर अंकुश लगाने के लिए पार्टी मुकम्मल तैयारी करती थी. लेकिन जैसे ही कोई निर्दलीय या दूसरे दलों से नामांकन करने की कोशिश करते थे कि उनसे बातचीत की जाती थी.
पार्टी के आलानेता हस्तक्षेप कर वैसे बागियों को मनाने की कोशिश करते थे. इस बार भी पार्टी ने कुछेक नेताओं से संवाद शुरू किया, लेकिन बागियों के तेवर नरम नहीं हुए. नतीजा यह हुआ कि दल के तीन दर्जन से अधिक नेता आज किसी न किसी दल या निर्दलीय ही चुनावी मैदान में डटे हैं. कहीं कोई एनडीए के अन्य घटक दलों के खिलाफ चुनावी मैदान में डटा है तो कहीं भाजपा के खिलाफ ही चुनावी मैदान में है.
हालात ऐसे बने कि सीट गठबंधन के अन्य घटक दलों के हिस्से में जाने पर भाजपा के नेताओं ने दूसरे दलों का दामन थाम लिया और चुनावी मैदान में डटे हैं. दर्जन भर सीटों पर ऐसी स्थिति है कि जहां भाजपा के नेता पार्टी की ओर से घोषित अधिकृत उम्मीदवार का नाम सामने आते ही बगावत कर अपनी ही पार्टी के खिलाफ चुनावी मैदान में डटे हैं.
भाजपा के बागियों को लोजपा ने भरपूर मौका दिया है. साल 2015 के चुनाव में भाजपा 157 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इस बार पार्टी 110 सीटों पर चुनाव लड रही है. 47 कम सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ रही है. इसके अलावा कुछ ऐसी भी सीटें हैं जो भाजपा की परम्परागत सीटें रही है पर वहां से अभी जदयू, वीआईपी या हम चुनाव लड़ रही है. ऐसे में पार्टी नेताओं ने चुनावी मैदान में उतरने के लिए दूसरे दलों का दामन थामना शुरू किया. उनके लिए सबसे मुफीद जगह लोजपा मिली. बागियों में दो दर्जन उम्मीदवार लोजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं.