बिहार और झारखंड में नक्सलियों की नजर छोटे बच्चों पर, बना रहे हैं 'चाइल्ड आर्मी'

By एस पी सिन्हा | Published: June 23, 2019 03:05 PM2019-06-23T15:05:39+5:302019-06-23T15:05:39+5:30

झारखंड में कभी उग्रवादियों की शरणस्थली के रूप में चर्चित रहा चतरा जिला में नक्सली अब गांव के आकर बच्चों को ट्रेनिंग देकर नक्सली बना रहे हैं. 

Bihar and Jharkhand: Naxalites are looking at small children for 'Child Army' | बिहार और झारखंड में नक्सलियों की नजर छोटे बच्चों पर, बना रहे हैं 'चाइल्ड आर्मी'

बिहार और झारखंड में नक्सलियों की नजर छोटे बच्चों पर, बना रहे हैं 'चाइल्ड आर्मी'

Highlightsचतरा जिला में नक्सली अब गांव के आकर बच्चों को ट्रेनिंग देकर नक्सली बना रहे हैं. झारखंड के सीमावर्ती जिलों में वे अब बच्चों को अपने साथ जोड़ने की मुहिम में जुट गये हैं.

पटना, 23 जूनःबिहार और झारखंड में कमजोर पड़ रहे नक्सलियों ने खुद को मजबूत करने के लिए बच्चों का सहारा लेना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में अब नक्सलियों की नजर गांव के गरीब परिवार के छोटे बच्चों पर है. झारखंड में कभी उग्रवादियों की शरणस्थली के रूप में चर्चित रहा चतरा जिला में नक्सली अब गांव के आकर बच्चों को ट्रेनिंग देकर नक्सली बना रहे हैं. 

उसी तरह बिहार में झारखंड के सीमावर्ती जिलों में वे अब बच्चों को अपने साथ जोड़ने की मुहिम में जुट गये हैं. सूत्रों के अनुसार इसकी जानकारी खुफिया एजेंसी ने सरकार को दी है. वहीं, चतरा पुलिस को भी यह जनाकारी मिली है कि नक्सलियों ने चाइल्ड आर्मी के लिए गांव के बच्चों को बहकाना शुरू कर दिया है. इस संबंध में पूछे जाने पर चतरा के एसपी अखिलेश बी वारियर ने बताया है कि कुछ महीने पहले भी पुलिस ने तीन बच्चों को नक्सलियों के चंगुल से मुक्त कराया था. 

पुलिस और दूसरी फोर्सेस इस सूचना के बाद से अलर्ट हो गई हैं. वहीं मुखबिर तंत्र को भी इसकी जानकारी जुटाने के लिए सक्रिय किया गया है. उन्होंने बताय कि पुलिस को अपने मुखबिरों से जानकारी मिली है कि कौलेश्वरी जोन में एक और बच्चे को माओवादियों के फौजी दस्ते में शामिल किया गया है. बच्चे के परिजनों से जानकारी जुटाई जा रही है. शीघ्र ही नक्सलियों के कब्जे से बच्चे को मुक्त कराया जाएगा. वहीं, चतरा जिले में हो रही अफीम की खेती पर बात करते हुए एसपी अखिलेश ने कहा कि जिले में अफीम की खेती पर नकेल कसने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इस अफीम की खेती से होने वाली दो नंबर की आय का एक बडा हिस्सा किसान से नक्सली और उग्रवादी ले लेते हैं. 

उसी तरह बिहार के सीमावर्ती जिलों में भी नक्सलियों के द्वारा बडे पैमाने पर अफीम की खेती को बढावा दिया जा रहा है. इससे होने वाली आय का हिस्सा किसानों को देने व उन्हें आर्थिक लाभ पहुंचाते हुए उनके बच्चों को इसी काम से जोड़कर अपने साथ किया जा रहा है. किसान भी आर्थिक लाभ को देखते हुए अपने बच्चों को उनके साथ जाने देने में अपनी रजामंदी जता दे रहे हैं. इस प्रकार नक्सलियों के द्वारा चाइल्ड आर्मी के नाम से बडे पैमाने पर दस्ता बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

Web Title: Bihar and Jharkhand: Naxalites are looking at small children for 'Child Army'

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