बिहारः बोरवेल से सुरक्षित निकाली गई 3 साल की मासूम सन्नो, 30 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन

By आदित्य द्विवेदी | Published: August 1, 2018 11:15 PM2018-08-01T23:15:07+5:302018-08-02T03:29:26+5:30

एनडीआरएफ की टीम ने बोरवेल के समानांतर एक और गड्ढा खोदा और फिर एल शेप में खुदाई करके बच्ची को बाहर निकाला।

Bihar: 3-year-old girl rescued after being trapped in a 110 feet deep borewell in Munger | बिहारः बोरवेल से सुरक्षित निकाली गई 3 साल की मासूम सन्नो, 30 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन

बिहारः बोरवेल से सुरक्षित निकाली गई 3 साल की मासूम सन्नो, 30 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन

पटना, 1 अगस्तःबिहार के मुंगरे में 110 फीट गहरे बोरवेल में फंसी मासूम सन्नो को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। उन्हें जिले के सदर अस्पताल में भर्ती किया गया है। तीन साल की मासूम बच्ची को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम पिछले 30 घंटे से बचाव अभियान चला रही थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक एनडीआरएफ की टीम ने बोरवेल के समानांतर एक और गड्ढा खोदा और फिर एल शेप में खुदाई करके बच्ची को बाहर निकाला। बच्ची की सलामती के लिए पटना और आस-पास के इलाकों में लोगों ने पूजा-पाठ और हवन भी किया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज रात 9.45 बजे सन्नो को बोरवेल से सकुशल निकाल लिए जाने पर खुशी एवं संतोष व्यक्त किया। उन्होंने परिजनों एवं बचाव दल के तमाम सदस्यों को भी बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने बचाव में शामिल आपदा प्रबंधन विभाग, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं जिला प्रशासन की टीम को धन्यवाद देते हुये कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बाद भी सन्नो का बोरवेल से सकुशल निकाला जाना बेहतर टीम समन्वय का परिणाम है।


बोरवेल में कैसे गिरी मासूम बच्ची

सन्नो मंगलवार की शाम घर के अंदर ही खेल रही थी। इसी दौरान तीन बजे के करीब वह घर में मौजूद बोरवेल में गिर गई। सना की मां की रोने-चीखने की आवाज़ सुनकर पड़ोसियों ने प्रशासन को इसकी खबर दी। जिला प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम तीन साल की इस बच्ची को बोरवेल से निकालने में लगातार जुटी रही। 30 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बच्ची को बाहर निकाला जा सका।


कैसे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

एनडीआरएफ की टीम ने पूरा ऑपरेशन अपने हाथ में ले लिया। उन्होंने बोरवेल के समानांतर एक एल शेप का गड्ढा खोदा और बच्ची को बाहर निकाला। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सदर अस्पताल के डॉ. फैज बच्ची की सेहत पर नजर बनाए हुए थे। उन्होंने बताया कि बच्ची पर सीसीटीवी से नजर रखी जा रही थी। अभी वह स्वस्थ है और उसे लगातार ऑक्सीजन मुहैया करवाया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला

मुंगेर शहर के मुर्गियाचक निवासी उमेश नंदन प्रसाद साव के घर में समरसेबुल बोरिंग के दौरान मंगलवार को तीन वर्षीया नतिनी सन्नो फिसल कर गिर गई। उसकी मां ने बोरवेल के अंदर बेटी से बात की थी और उसे तुरंत निकाले जाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगायी कि मेरी बच्ची को बचा लीजिए। इसके बाद जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला।

बताया जाता है कि शहर की वीर कुंवर सिंह कॉलोनी दलहट्टा निवासी बैंककर्मी नचिकेता साव की पुत्री सन्नो एक सप्ताह पूर्व अपने नाना उमेश नंदन प्रसाद साव के घर मुर्गियाचक आई थी। पिछले दो दिनों से उमेश नंदन के घर में समरसेबुल लगाने का काम चल रहा था। मंगलवार की दोपहर समरसेबुल के लिए किये गये बोरिंग में केसिन डाल कर ग्रेबुल डाला जा रहा था। इसी दौरान सना खेलते हुए आई और फिसल कर केसिन के बगल से बोरिंग में गिर गयी। वहां पर काम कर रहे कारीगरों का कहना था कि बोरिंग के लिए 225 फुट डीप किया गया है। जिसमें लगभग 110 फुट तक ग्रेबुल भी डाला जा चुका था तभी बच्ची उस बोरिंग में गिर गई।

संवाद्दाता एस.पी. सिन्हा से इनपुट्स लेकर

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