कैग की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, मिजोरम सरकार ने लापरवाही में बर्बाद कर दिये 4.88 करोड़ रुपये

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 28, 2023 02:09 PM2023-08-28T14:09:10+5:302023-08-28T14:13:47+5:30

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की ओर से जारी रिपोर्ट में मिजोरम सरकार द्वारा सड़क निर्माण पर किये गये खर्च को लेकर सवाल उठाया गया है

Big disclosure in CAG report, Mizoram government wasted Rs 4.88 crore due to negligence | कैग की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, मिजोरम सरकार ने लापरवाही में बर्बाद कर दिये 4.88 करोड़ रुपये

फाइल फोटो

Highlightsसीएजी की ओर से जारी रिपोर्ट में मिजोरम सरकार द्वारा किये गये खर्च पर उठाया गया सवाल कैग की रिपोर्ट के अनुसार ने सरकारी 'लापरवाही' के कारण 4.88 करोड़ रुपये बेकार में खर्च हुए कैग की इस रिपोर्ट को स्वयं मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा द्वारा विधानसभा में पेश की है

आइजोल: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की ओर से जारी रिपोर्ट में मिजोरम सरकार द्वारा सड़क निर्माण पर किये गये खर्च को लेकर सवाल उठाया गया है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी 'लापरवाही' के कारण ममित जिले में दर्लक-सिहथियांग सड़क की कटिंग पर 4.88 करोड़ रुपये का खर्च फिजूल था।

मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा द्वारा विधानसभा में पेश की गई सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि गांव पहले से ही जुड़ा होने के बावजूद दर्लक-सिहथियांग सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत किया गया। रिपोर्ट के अनुसार सिहथियांग का क्षेत्र दिसंबर 2020 से 11 किलोमीटर लंबी चुहवेल-सिहथियांग पक्की सड़क से जुड़ा है, जो सभी मौसम के लिए उपयुक्त सड़क है।

जबकि चुहवेल-सिहथियांग पक्की सड़क का निर्माण मई 2016 से किया जा रहा था। अगस्त 2019 में राज्य लोक निर्माण विभाग की मिजोरम ग्रामीण सड़क विकास एजेंसी और ठेकेदारों के बीच 52.81 करोड़ रुपये की लागत से दारलाक-सिहथियांग सड़क के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था और यह परियोजना जून 2020 तक पूरी होने वाली थी।

ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है, "डार्लक-सिहथियांग सड़क के निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में बताया गया है कि 495 की आबादी वाला सिहथियांग गांव ममित जिले के किसी भी हिस्से से संबद्ध नहीं था और प्रस्तावित दारलाक-सिहथियांग सड़क की लंबाई 35.61 किमी थी, जिस पर अनुमानित परियोजना लागत 58.32 करोड़ रुपये की थी।"

सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार ने फरवरी 2020 में काम शुरू किया और जून 2021 में 7.3 किलोमीटर की फॉर्मेशन कटिंग पूरी की।
हालांकि, वन कटाई की मंजूरी नहीं मिलने के कारण जुलाई 2021 से फॉर्मेशन कटिंग का काम रुका हुआ था और विभाग ने जुलाई 2022 में मंत्रालय को परियोजना को छोड़ने का प्रस्ताव दिया था।

इस पूरे 52.81 करोड़ रुपये के अनुबंध में पीडब्ल्यूडी ने अप्रैल 2022 तक 4.88 करोड़ रुपये का व्यय किया। इस बीच, राज्य लोक निर्माण विभाग के कावर्था डिवीजन के कार्यकारी अभियंता के रिकॉर्ड की जांच से पता चला कि सिहथियांग गांव राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के ग्रामीण बुनियादी ढांचे विकास निधि (आरआईडीएफ) के तहत निर्मित 11 किमी चुहवेल-सिहथियांग पक्की सड़क से जुड़ा था।

कैग के अुनासर 13 मई 2016 से 0.93 करोड़ रुपये की लागत से पुलिया और सुरक्षा दीवारों के निर्माण के लिए दो ठेकेदारों मेसर्स नॉर्थ ईस्ट कंसल्टेंसी सर्विसेज (एनईसीएस) और वी ने इस कार्य को पूरा किया था। कैग रिपोर्ट में बताया गया कि इस सड़क की फॉर्मेशन कटिंग पर किया गया 4.88 करोड़ रुपये का खर्च 'बेकार था क्योंकि इस परियोजना को छोड़ने का प्रस्ताव था।

ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार ने अगस्त 2022 में स्वीकार किया है कि चूंकि सिहथियांग गांव को नाबार्ड ऋण के माध्यम से जोड़ा गया है, इसलिए पीएमजीएसवाई के तहत परियोजना को जुलाई 2022 में ग्रामीण विकास मंत्रालय को सौंपने का प्रस्ताव दिया गया था।

Web Title: Big disclosure in CAG report, Mizoram government wasted Rs 4.88 crore due to negligence

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