BJP के रंग में रंगे कांंग्रेस नता
मध्य प्रदेश में जोर शोर के साथ निकाली गई राहुल गांधी की भारत छोड़ो न्याय यात्रा कांग्रेस को ही एकजुट नहीं रख पाई। राहुल गांधी की मध्य प्रदेश से यात्रा गुजरने के साथी कई कांग्रेसी कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस के मध्य प्रदेश में सबसे बड़े नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री और चार बार के राज्यसभा सांसद सुरेश पचौरी ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया।
बीजेपी दफ्तर में आज कांग्रेस के नेता रहे सुरेश पचौरी ने पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह पूर्व विधायक संजय शुक्ला पूर्व विधायक विशाल पटेल समेत कई कांग्रेसियों के साथ भाजपा का गमछा ओढ़ लिया। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के बड़े नेताओं का बीजेपी में जाना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है।
ऐसे समझे की कैसे कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है... सुरेश पचौरी- चार बार के राज्यसभा सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री, दो प्रधानमंत्री के साथ पीएमओ में काम करने का अनुभव, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सेवा दल का बड़ा चेहरा रहे हैं। मध्य प्रदेश में मध्य भारत में मजबूत पकड़ है। 2018 के विधानसभा के चुनाव में पचौरी समर्थक बड़ी संख्या में जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में आधा दर्जन सीटों को प्रभावित करेंगे।
गजेंद्र सिंह राजू खेड़ी- आदिवासी कांग्रेस नेता है। पूर्व सांसद रहे हैं । लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में जाना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। मालवा क्षेत्र की लोकसभा सीटों पर असर होगा। साथ ही आदिवासी सीटों को भी प्रभावित करेंगे।
संजय शुक्ला- इंदौर एक से चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक संजय शुक्ला कि कांग्रेस के रईस नेताओं में गिनती होती है। संजय शुक्ला ने कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ चुनाव लड़ा था और चुनाव हारे थे ।संजय शुक्ला के पास 200 करोड़ की संपत्ति है। लोकसभा चुनाव के दावेदार थे मालवा की सीट पर बड़ा असर होगा।
विशाल पटेल - देपालपुर से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं 2023 का विधानसभा चुनाव हारे। विशाल पटेल के भाजपा में शामिल होने पर मालवा की लोकसभा सीटों पर बड़ा असर होगा।
अर्जुन पलिया- पूर्व विधायक के नर्मदा पुरम क्षेत्र में खासा दबदबा है। नर्मदा पुरम लोकसभा सीट पर खासा असर होगा।
इसके अलावा आलोक चंसोरिया, भोपाल से पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश मिश्रा समेत बड़ी संख्या में कांग्रेसियों ने बीजेपी का दामन थामा है जो संकेत है कि राहुल गांधी की मध्य प्रदेश यात्रा का असर एमपी में दिखाई नहीं दिया है।