भोलथ विधायक सुखपाल खैरा और आप के दो बागी विधायक कांग्रेस में शामिल
By भाषा | Published: June 3, 2021 07:34 PM2021-06-03T19:34:48+5:302021-06-03T19:34:48+5:30
चंडीगढ़, तीन जून पंजाब में आम आदमी पार्टी के बागी विधायक सुखपाल सिंह खैरा, जगदेव सिंह कमलू और पीरमल सिंह बृहस्पतिवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने कांग्रेस का दामन ऐसे समय में थामा है जब पंजाब में सत्तारूढ़ पार्टी अंदरूनी कलह और गुटबाजी से जूझ रही है।
खैरा कांग्रेस छोड़ने के करीब छह साल बाद उसमें लौटे हैं।
कांग्रेस छोड़ने के बाद, खैरा दिसंबर 2015 में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए थे। वह 2017 में आप के टिकट पर भोलथ विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे।
उन्होंने जनवरी 2019 में आप की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और अपनी खुद की ‘पंजाब एकता पार्टी’ बनाई थी।
जगदेव सिंह कमलू मौर सीट से विधायक हैं और पीरमल सिंह धौला भदौर से विधायक हैं। दोनों पहली बार विधानसभा के सदस्य बने हैं।
कांग्रेस की पंजाब इकाई में आपसी कलह को सुलझाने के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति के साथ बैठक के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ने तीनों विधायकों को पार्टी में शामिल कराया।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके पूर्व कैबिनेट सहयोगी नवजोत सिंह सिद्दू के बीच हाल फिलहाल में विवाद रहा है। सिद्धू ने सार्वजनिक तौर पर मुख्यमंत्री की आलोचना की है।
कांग्रेस की पंजाब इकाई के ट्वीट के मुताबिक, “मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली रवाना होने से पहले विधायक सुखपाल खैरा एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष और आप के उनके दो सहयोगी विधायकों मौर के जगदेव सिंह कमलू और भदौर के विधायक पीरमल सिंह धौला का पार्टी में स्वागत किया।”
फेसबुक पोस्ट में पंजाब कांग्रेस ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन वरिष्ठ नेताओं को शामिल करने की मंजूरी दी है।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनका दृढ़ता से मानना है कि खैरा और उनके सहयोगियों के शामिल होने से कांग्रेस पार्टी मजबूत हुई है।
पटियाला से सांसद प्रिणीत कौर ने कहा कि तीनों विधायक पार्टी के लिए बड़ी संपत्ति साबित होंगे। वह विधायकों को पार्टी में शामिल कराने वाले कार्यक्रम के दौरान मौजूद थीं।
पार्टी में शामिल होने के बाद बृहस्पतिवार को खैरा ने फेसबुक पर किए गए एक पोस्ट में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी को धन्यवाद दिया।
खैरा ने तीन कृषि कानूनों और नदी जल मुद्दों पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के रुख को लेकर उनकी प्रशंसा की। उन्होंने यह भी कहा कि फरीदकोट के कोटकपुरा में 2015 की धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी और उसके बाद हुई पुलिस गोलीबारी की घटनाओं में निश्चित रूप से न्याय मिलेगा
खैरा ने आम आदमी पार्टी में शामिल होने के अपने फैसले को 'राजनीतिक भूल' और 'गलती' करार दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी में 'पूर्ण तानाशाही' है।
खैरा ने दावा किया कि सुच्चा सिंह छोटेपुर, धर्मवीर गांधी और गुरप्रीत घुग्गी जैसे कई नेता आप नेतृत्व के "पीड़ित" हैं। उन्हें "अपमानित" भी किया गया।
खैरा आप की राज्य इकाई में स्वायत्तता की कमी को लेकर पार्टी नेतृत्व के आलोचक रहे हैं।
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