Bhima Koregaon Violence: सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव केस की आरोपी प्रोफेसर शोमा सेन को दी जमानत
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 5, 2024 02:53 PM2024-04-05T14:53:31+5:302024-04-05T14:57:37+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी शोमा सेन को जमानत दे दी। सोमा सेन नागपुर विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर हैं और घटना के पांच महीने बाद 6 जून, 2018 को गिरफ्तार हुई थीं।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी शोमा सेन को जमानत दे दी। सोमा सेन नागपुर विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर हैं, जिन्हें पुलिस ने महाराष्ट्र के भीमा कोरगांव में हुई हिंसक घटनाओं के पांच महीने बाद 6 जून, 2018 को गिरफ्तार किया गया था।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार पुलिस ने भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार प्रोफेसर सोमा सेन के खिलाफ कथित माओवादी संबंधों के लिए गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), 1967 के तहत मामला दर्ज किया गया है। अपनी गिरफ्तारी के बाद प्रोफेसर सेन मुकदमे की न्यायिक हिरासत में थीं।
बीते 15 मार्च को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि एजेंसी को अब प्रोफेसर सोमा सेन की न्यायिक हिरासत की और अधिक आवश्यकता नहीं है। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए की ओर दी गई सूचना के आधार पर प्रोफेसर सोमा सेन को जमानत पर जेल से रिहा करने का आदेश सुनाया है।
मालूम हो कि पुणे पुलिस ने ये दावा किया कि 1 जनवरी 2018 को 'भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़की थी, जिसके लिए पुणे पुलिस ने एल्गार परिषद ज़िम्मेदार ठहराया था। पुलिस के अनुसार एल्गार परिषद ने हिंसा से एक दिन पहले पुणे के शनिवारवाड़ा में एक बैठक बुलाई थी। बैठक के अगले दिन जो हिंसा हुई. उससे तार एल्गार परिषद की उस बैठक से जुड़ते हैं। पुलिस का आरोप है कि भीमा कोरेगांव हिंसा के पीछे बड़ी नक्सल साज़िश थी।
उस घटना के छह साल बाद भी आज कई आरोपी जेल में बंद हैं। हालांकि कुछ आरोपियों को लंबे कानूनी संघर्ष के बाद कोर्ट से बेल मिल गई लेकिन अभी भी कई आरोपी केस में बंद हैं जबकि एक की मौत हो चुकी है। इस केस में पुलिस ने 16 लोगों को हिरासत में लिया था।
इस केस से संबंधिक आरोपियों में शोमा सेन के अलावा वकील सुरेन्द्र गाडलिंग, सुधीर धवले, रोना विल्सन, महेश राउत, कवि वरवर राव, समाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, अरुण फेरेरा, वेर्नॉन गोनजालविस, पत्रकार गौतम नवलखा प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े, फादर स्टैन स्वामी, हैनी बाबू, सागर गोरखे, रमेश गैचोर और ज्योति जगताप के नाम शामिल हैं।