एक्टिविस्ट सुधा भारद्वाज ने पुलिस के आरोपों को नकारा, कहा- मुझे अपराधी बताने वाला पत्र 'मनगढ़ंत'
By भाषा | Published: September 1, 2018 07:17 PM2018-09-01T19:17:00+5:302018-09-01T19:17:00+5:30
पुलिस ने शुक्रवार को दावा किया था कि भारद्वाज ने किसी ‘कॉमरेड प्रकाश’ नाम के व्यक्ति को पत्र लिखा है।
नई दिल्ली, एक सितंबर: माओवादियों से कथित तौर पर संबंध होने के आरोपों में नजरबंद मानवाधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज ने जांच एजेंसी के दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह पत्र ‘पूर्ण रूप से मनगढ़ंत’ है ताकि उन्हें एवं मानवाधिकार संगठनों को अपराधी बताने की साजिश है।
पुलिस ने शुक्रवार को दावा किया था कि भारद्वाज ने किसी ‘कॉमरेड प्रकाश’ नाम के व्यक्ति को पत्र लिखा है। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारद्वाज ने हाथ से लिखे एक बयान में शुक्रवार को कहा कि पुणे पुलिस द्वारा दिखाया गया कथित पत्र ‘‘निरापद एवं सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध तथ्यों और निराधार मनगढ़ंत आरोपों का मिश्रण’’ है।
उन्होंने कहा कि बैठकों, संगोष्ठियों, प्रदर्शनों जैसी विभिन्न कानूनी और लोकतांत्रिक गतिविधियों पर माओवादियों द्वारा वित्त पोषित होने का आरोप लगाकर उन्हें अवैध घोषित करने की कवायद चल रही है। उन्होंने दावा किया कि मानवाधिकार वकीलों, कार्यकर्ताओं और संगठनों पर जानबूझकर लांछन लगाया जा रहा है। उनके काम में रूकावट डाली जा रही है और लोगों को ऐसे कार्यकर्ताओं के प्रति घृणा के लिए उकसाया जा रहा है।
बयान में उन्होंने कहा है, ' यह पत्र पूर्णरूप से मनगढ़ंत है और मुझे और अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, संगठनों तथा वकीलों को अपराधी बताने के लिए ऐसा किया जा रहा है। ' मानवाधिकार कार्यकर्ता-वकील ने कहा कि उन्हें पुणे ले जाने से पहले इस ‘मनगढ़ंत पत्र' को न तो पुणे की अदालत में दिखाया गया और न ही फरीदाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को दिखाया गया।
पुलिस ने शुक्रवार को मीडिया ब्रीफिंग में जनवरी में हुई भीमा-कोरेगांव हिंसा के संबंध में जून में गिरफ्तार किये गये कुछ कार्यकर्ताओं से जुड़े जब्त किए गए पत्रों की जानकारियां जारी की थी। पुलिस ने यह भी दावा किया कि उनके पास जून और इस सप्ताह गिरफ्तार वामपंथी कार्यकर्ताओं के माआवोदियों से संबंधों के ‘‘ठोस सबूत’’ है। साथ पुलिस ने कहा कि इनमें से एक कार्यकर्ता ने ‘‘मोदी राज को खत्म करने के लिए राजीव गांधी जैसी घटना’’ को अंजाम देने की बात कही थी।