क्या बेंगलुरुवासी भी मेट्रो ट्रेनों के अंदर शराब की बोतलें ले जा सकेंगे? नम्मा मेट्रो 'दिल्ली मॉडल' का अध्ययन करेगी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 3, 2023 20:16 IST2023-07-03T20:10:48+5:302023-07-03T20:16:53+5:30
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने अपने संशोधित नियमों के तहत मेट्रो के अंदर प्रति व्यक्ति शराब की दो सीलबंद बोतलें ले जाने की अनुमति दे दी है। अब बीएमआरसीएल के एमडी अंजुम परवेज ने कहा है कि धिकारी दिल्ली मेट्रो मॉडल का अध्ययन करने के बाद संभावनाएं तलाशेंगे।

बेंगलुरु की नम्मा मेट्रो 'दिल्ली मॉडल' का अध्ययन करेगी
बेंगलुरु: क्या बेंगलुरुमेट्रो में यात्री शराब की बोतलें ले जा सकेंगे? हाल ही में दिल्ली मेट्रो द्वारा ट्रेन में दो शराब की बोतलें ले जाने की अनुमति दिए जाने के बाद कई यात्रियों ने यह सवाल उठाया। इस सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए, बीएमआरसीएल के एमडी अंजुम परवेज ने कहा कि अधिकारी दिल्ली मेट्रो मॉडल का अध्ययन करने के बाद संभावनाएं तलाशेंगे। परवेज ने कहा, बीएमआरसीएल अधिकारी दिल्ली मेट्रो से जानकारी एकत्र करेंगे और जांच करेंगे कि क्या इसी तरह के प्रावधान अन्य मेट्रो में भी लागू हैं।
बता दें कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने अपने संशोधित नियमों के तहत मेट्रो के अंदर प्रति व्यक्ति शराब की दो सीलबंद बोतलें ले जाने की अनुमति दे दी है। हालांकि मेट्रो परिसर के अंदर शराब पीना अभी भी वर्जित है। डीएमआरसी ने एक बयान जारी कर कहा था कि अभी तक एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन को छोड़कर दिल्ली मेट्रो की किसी भी सेवा में शराब ले जाने पर प्रतिबंध था।
डीएमआरसी ने ये भी अपील की थी कि कि मेट्रो यात्रियों से अनुरोध है कि वे यात्रा करते समय शिष्टाचार बनाए रखें। एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि अगर कोई यात्री शराब के नशे में अभद्र व्यवहार करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए बीएमआरसीएल के एमडी अंजुम परवेज ने कहा कि वर्तमान में, मेट्रो यात्रियों को शराब की बोतलें ले जाने पर प्रतिबंध है। प्रतिबंध का कारण कुछ लोगों द्वारा स्टेशन के अंदर घुसकर शराब पीने और उपद्रव मचाने की आशंका थी। उन्होंने आगे कहा, "मैंने दिल्ली मेट्रो द्वारा कुछ सवारियों के साथ शराब की अनुमति देने के बारे में रिपोर्ट पढ़ी है। उन नियमों का अध्ययन करने की जरूरत है और यह भी देखने की जरूरत है कि अन्य मेट्रो रेल निगम क्या कर रहे हैं। फिलहाल, हम अपने मौजूदा नियम को बदलने पर टिप्पणी नहीं कर सकते।"