बंगाल सरकार विद्यार्थियों का टीकाकरण कराए, संस्थान खोले : यादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ
By भाषा | Updated: September 6, 2021 17:33 IST2021-09-06T17:33:07+5:302021-09-06T17:33:07+5:30

बंगाल सरकार विद्यार्थियों का टीकाकरण कराए, संस्थान खोले : यादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ
कोलकाता, छह सितंबर यादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेयूटीए) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के शिक्षामंत्री ब्रत्या बसु को पत्र लिखकर विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं टीकाकरण (कोविड-19 से बचाव हेतु) कराने के लिए तत्काल कदम उठाने और संस्थान दोबारा खोलने की मांग की।
शिक्षक संघ ने बसु को लिखे पत्र में कहा कि पहले चरण में टीकाकरण करने के बाद अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को अलग बैच में ऑफलाइन कक्षा की अनुमति दी जा सकती है। पत्र में शोध गतिविधियों को भी विश्वविद्यालय में दोबारा शुरू करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है।
जेयूटीए के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा,‘‘ परिसर को दोबारा खोलने की तैयारियों के तहत हम तत्काल शोधार्थियों और अन्य विद्यार्थियों को कोविड-19 टीके की खुराक देने के लिए कदम उठाने की मांग करते हैं।’’
शिक्षक संघ ने विद्यार्थियों के लिए परिसर में ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने की अनुमति देने की मांग की जो कोविड-19 की वजह से गत 18 महीने से बंद है। इसके साथ ही उन्होंने उन विद्यार्थियों के लिए परिसर में ही टीकाकरण की व्यवस्था करने की मांग की जिन्हें टीके की खुराक नहीं मिली है।
रॉय ने कहा कि परिसर में पढ़ाई का विकल्प ऑनलाइन कक्षाएं नहीं हो सकती है और प्रयोगशाला आधारित विषयों को डिजिटल माध्यम से नहीं पढ़ाया जा सकता है।
बसु को लिखे पत्र में जेयूटीए ने कहा, ‘‘आपको शायद जानकारी होगी है कि हमारे विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं में उपकरण लंबे समय से बंद पड़े हैं। कई अब ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। अगर इन महंगे उपकरणों का इस्तेमाल नहीं किया गया, तो लाखों रुपये की हानि होगी, जो जनता के पैसे का अपव्यय होगा।’’
इस बीच, यादवपुर विश्वविद्यालय में छात्र संगठन एसएफआई और अन्य संघों से जुड़ों विद्यार्थियों ने सोमवार को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने प्रदर्शन किया और संस्थान को खोलने की मांग की।
वहीं, प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने भी अधिकारियों को ज्ञापन सौंप परिसर में ही मुफ्त टीकाकरण कराने की मांग की है। छात्रसंघ अध्यक्ष मिमासा घोराइ्र ने कहा कि प्रशासन को समिति बनाकर परिसर में गतिविधियां शुरू करने के लिए चर्चा करनी चाहिए और फैसला लेना चाहिए।
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