चुनाव बाद की हिंसा पर राज्यपाल के पत्र का बंगाल सरकार ने दिया जवाब

By भाषा | Updated: June 15, 2021 23:16 IST2021-06-15T23:16:57+5:302021-06-15T23:16:57+5:30

Bengal government responds to Governor's letter on post-poll violence | चुनाव बाद की हिंसा पर राज्यपाल के पत्र का बंगाल सरकार ने दिया जवाब

चुनाव बाद की हिंसा पर राज्यपाल के पत्र का बंगाल सरकार ने दिया जवाब

कोलकाता, 15 जून पश्चिम बंगाल सरकार ने चुनाव बाद की हिंसा को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि लगाए गए आरोप ''वास्तविक तथ्यों'' के अनुरूप नहीं हैं।

राज्य के गृह विभाग ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और राज्यपाल द्वारा पत्र को सोशल मीडिया पर साझा किए जाने के कदम की आलोचना की और इसे तय नियमों का उल्लंघन करार दिया।

गृह विभाग ने ट्वीट कर कहा, '' पश्चिम बंगाल सरकार ने निराशा के साथ यह पाया कि बंगाल के माननीय राज्यपाल ने उनके द्वारा राज्य की मुख्यमंत्री को लिखे पत्र को अचानक सार्वजनिक किया और पत्र की सामग्री वास्तविक तथ्यों के अनुरूप नहीं है। संचार का यह तरीका सभी तय नियमों का उल्लंघन है।''

इससे पहले, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया कि वह राज्य में चुनाव के बाद हुयी हिंसा पर चुप हैं और उन्होंने पीड़ित लोगों के पुनर्वास और मुआवजा के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं।

आरोपों को खारिज करते हुए गृह विभाग ने कहा कि चुनाव बाद हुई हिंसा के दौरान राज्य की कानून-व्यवस्था की कमान निर्वाचन आयोग के हाथ में थी।

विभाग ने कहा कि शपथ ग्रहण के बाद राज्य मंत्रिमंडल ने कदम उठाते हुए शांति बहाल की और कानून-विरोधी तत्वों पर नियंत्रण किया।

राज्यपाल ने चार दिवसीय यात्रा पर दिल्ली रवाना होने से कुछ घंटे पहले पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से उठाए गए मुद्दों पर जल्द से जल्द बातचीत करने का आग्रह किया। उन्होंने ममता बनर्जी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ मैं चुनाव के बाद प्रतिशोधात्मक रक्तपात, मानवाधिकारों का हनन, महिलाओं की गरिमा पर हमला, संपत्ति का नुकसान, राजनीतिक विरोधियों की पीड़ाओं पर आपकी लगातार चुप्पी और निष्क्रियता को लेकर मैं विवश हूँ...।’’

धनखड़ ने पत्र की प्रति ट्विटर पर भी पोस्ट की है। उन्होंने आरोप लगाया, "... आपकी चुप्पी, लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए पुनर्वास और मुआवजे की खातिर किसी भी कदम का अभाव से यह निष्कर्ष निकलता है कि यह सब राज्य द्वारा संचालित है।"

जुलाई 2019 में पदभार संभालने के बाद से ही कई मुद्दों पर धनखड़ और तृणमूल कांग्रेस सरकार आमने-सामने रहे हैं। उन्होंने राज्य में पुलिस और प्रशासन पर पक्षपात करने का भी आरोप लगाया है।

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Web Title: Bengal government responds to Governor's letter on post-poll violence

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