शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन ने मंगलवार शाम को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में चुना। ठाकरे राज्य के शीर्ष राजनीतिक पद पर पहुंचने वाले अपने परिवार के पहले सदस्य होंगे।
उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और सोनिया गांधी का आभार जताते हुए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि मेरे हिंदुत्व में झूठ नहीं है। बीजेपी ने हमसे दोस्ती तोड़ी है, लेकिन मैं मोटाभाई (बड़े भाई) से मिलने दिल्ली जाऊंगा। उन्होंने कहा कि जो 30 साल से साथ थे, उन्होंने भरोसा नहीं किया।
बालासाहेब ठाकरे कहते थे कि जिसको जुबान दे दी तो पीछे मत हटो। हम इस महाराष्ट्र को एक बार फिर से महाराष्ट्र बना देंगे, जैसा छत्रपति शिवाजी महाराज ने सपना देखा था। उन्होंने कहा कि किसानों का मुद्दे मेरे लिए सबसे अहम है।
यह निर्णय एक होटल में तीनों दलों की संयुक्त बैठक में लिया गया। इससे कुछ घंटे पहले चार दिन पुरानी देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार गिर गई थी। राकांपा के महाराष्ट्र प्रमुख जयंत पाटिल ने “(अगले) मुख्यमंत्री” के रूप में ठाकरे का नाम प्रस्तावित किया।
राज्य में कांग्रेस के प्रमुख बालासाहेब थोराट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। बैठक में राकांपा प्रमुख शरद पवार, पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के राजू शेट्टी, समाजवादी पार्टी के अबू आज़मी और इन दलों के सभी विधायक मौजूद थे। तीनों दलों ने अपने गठबंधन को ‘महाराष्ट्र विकास आघाड़ी’ नाम दिया है।