कस्टमर से कैरी बैग के 3 रुपये मांगना बाटा को पड़ा महंगा, लगा 9 हजार रुपये का जुर्माना
By स्वाति सिंह | Published: April 15, 2019 01:06 PM2019-04-15T13:06:31+5:302019-04-15T13:06:31+5:30
कंज्यूमर फोरम का मानना था कि पेपर बैग के लिए कीमत लेना सेवा में कमी है। सामान के साथ बैग देना स्टोर की ड्यूटी है। इस घटना के बाद कंज्यूमर फोरम ने बाटा इंडिया को सभी ग्राहकों को फ्री पेपर बैग देने का निर्देश दिया।
इंडियन फुटवीयर कंपनी बाटा इंडिया लिमिटेड को कंज्यूमर फोरम ने कंपनी को सेवा में कमी के लिए 9000 रुपये कस्टमर को देने का आदेश दिया। इसके साथ ही फोरम ने कंपनी को यह भी निर्देश दिया कि वह सामान खरीदने वाले अपने सभी ग्राहकों को फ्री कैरी बैग दे।
यह मामला है चंडीगढ़ के रहने वाले दिनेश प्रसाद रतूड़ी की एक शिकायत से शुरू हुआ। दिनेश ने अपनी शिकायत में बताया कि 5 फरवरी को उन्होंने सेक्टर 22डी के बाटा स्टोर से एक जोड़ी जूते खरीदे थे। इसके बाद जब वह बिल भरने गए तो काउंटर पर उनसे 402 रुपये लिए गए। दिनेश ने आरोप लगाया कि उनके दिए बैग पर वह अपने ब्रांड का प्रचार कर रहे थे, बावजूद इसके लिए पैसे लिए जाना तो गलत है।
इसके बाद ग्राहक ने अपने 3 रुपए और हर्जाना लेने के लिए कंज्यूमर फोरम में केस दर्ज करवाया। हालांकि बाटा इंडिया ने अपनी सफाई में कहा कि उसने सेवा में कोई कमी नहीं की है।
वहीं, कंज्यूमर फोरम का मानना था कि पेपर बैग के लिए कीमत लेना सेवा में कमी है। सामान के साथ बैग देना स्टोर की ड्यूटी है। इस घटना के बाद कंज्यूमर फोरम ने बाटा इंडिया को सभी ग्राहकों को फ्री पेपर बैग देने का निर्देश दिया।
इसके साथ ही फोरम ने कंपनी को को बैग के 3 रुपये रिफंड करने और कानूनी खर्च के 1 हजार रुपये कस्टमर को देने का आदेश दिया। वहीं, 3000 रुपये कस्टमर को मानसिक कष्ट होने के लिए दिए। इसके अलावा 5 हजार रुपए स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में डिपॉजिट करने का भी आदेश दिया।