कोलकाता, 26 अक्टूबर पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) की प्रधान पीठ के उस फैसले को चुनौती दी, जिसमें उसने केंद्र सरकार की प्रार्थना पर कैट की कलकत्ता पीठ से उनके द्वारा दायर एक आवेदन को खुद को स्थानांतरित करने का फैसला किया था।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी ने कैट की कलकत्ता पीठ के समक्ष केन्द्र सरकार द्वारा उनके खिलाफ चलायी जा रही प्रशासनिक प्रक्रिया को चुनौती दी है। गौरतलब है कि भारत सरकार पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्य सचिव बंदोपाध्याय पर सुपर साइक्लोन (चक्रवातीय तूफान) ‘यास’ के बाद मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कथित रूप से शामिल नहीं होने को लेकर कैट में प्रशासनिक प्रक्रिया चला रही है।
केन्द्र सरकार द्वारा इस मामले को कलकत्ता पीठ से स्थानांतरित करने की प्रार्थना पर कैट की प्रधान पीठ ने आदेश दिया कि वह बंदोपाध्याय की अर्जी पर सुनवाई करेगी।
कैट की प्रधान पीठ नयी दिल्ली में है।
मामले को स्थानांतरित करने के आदेश को चुनौती देते हुए बंदोपाध्याय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में आवेदन दिया है।
उच्च न्यायालय की खंड पीठ के समक्ष मंगलवार को पेश हुए उनके वकील ने उससे हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि आवेदक के सुविधा संतुलन के आधार पर शहर में रहने वाले सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के मामले की सुनवाई क्षेत्रीय पीठ में होनी चाहिए।
बंदोपाध्याय ने तीन महीने का कार्यविस्तार मिलने के बावजूद 31 मई को सेवानिवृत्ति लेने का फैसला लिया।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।