महंगाई भत्ते में वृद्धि पर रोक: अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने इसे सरकार का 'मनमाना' फैसला बताया
By भाषा | Updated: April 25, 2020 05:37 IST2020-04-25T05:37:55+5:302020-04-25T05:37:55+5:30
श्रमिक संगठन ने कहा कि सरकार, कोविड-19 की आड़ लेकर हर दूसरे दिन जो फैसला ले रही है वे कामगारों पर हमला है जब कि कामगार पहले से ही बंद की वजह से गहरे संकट में हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो)
अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने महंगाई भत्ता बढ़ाने पर रोक के सरकार के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को विरोध जताते हुए इसे ''मनमाना'' करार दिया।
एटक ने सरकार से इस ‘‘मजदूर विरोधी निर्णय’’ को तुरंत वापस लेने की अपील की। एटक ने एक बयान में कहा कि उसने, ‘‘एटक ने, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाले डीए (महंगाई भत्ता) और पेंशनभोगियों को मिलने वाली महंगाई राहत (डीआर) को स्थिर (फ्रीज) रखने के भाजपा नीत राजग सरकार के मनमाने फैसले का विरोध कर करता है।’’
श्रमिक संगठन ने कहा कि सरकार, कोविड-19 की आड़ लेकर हर दूसरे दिन जो फैसला ले रही है वे कामगारों पर हमला है जब कि कामगार पहले से ही बंद की वजह से गहरे संकट में हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2020 में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों को अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (वर्कर्स) में वृद्धि के अनुसार चार प्रतिशत अतिरिक्त डीए जारी करने की मंजूरी दी थी। निर्णय को लागू करने के लिए एक आदेश जारी करने के बजाय, वित्त मंत्रालय ने 23 अप्रैल को एक आदेश जारी किया जिसमें केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों (सशस्त्र बलों सहित) और 65 लाख पेंशनभोगियों (जिसमें 60 प्रतिशत पूर्व सैनिक शामिल हैं) के डीए (महंगाई भत्ता) को फ्रीज कर दिया गया है।
एटक ने कहा कि सरकार 18 महीने के लिए डीए न बढ़ाकर लगभग 50,000 करोड़ रुपये की बचत करना चाहती है जबकि इसने पिछले सालों में कार्पोरेट जगत को कर्ज छोड़ने और कर कटौती के रूप में लाखों करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया है।