रेमडेसिविर के निर्यात पर पाबंदी लगाना आधी-अधूरी कवायद : उच्च न्यायालय
By भाषा | Published: May 12, 2021 11:42 PM2021-05-12T23:42:48+5:302021-05-12T23:42:48+5:30
नयी दिल्ली, 12 मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केन्द्र से कहा कि यदि कोविड-19 रोगियों के इलाज में इस्तेमाल की जा रही रेमडेसिविर का उत्पादन कर रहीं इकाइयों को घरेलू बाजार में इनकी बिक्री की अनुमति नहीं है तो इसके निर्यात पर पाबंदी लगाया जाना ''आधी-अधूरी कवायद'' है।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी तथा न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने पूछा कि यदि इस दवा को यहां रोगियों के इस्तेमाल के लिये घरेलू बाजार में नहीं लाया जा सकता तो इन्हें निर्यात करने के लिये बंदरगाहों पर रोककर क्यों रखा गया है।
अदालत ने केन्द्र को बंदरगाहों पर मौजूद खेप के निर्यात पर विचार करने का निर्देश देते हुए कहा कि ऐसा न हो कि वे अपनी प्रभावकारिता खो दें और यहां या विदेश में किसी के इस्तेमाल के लायक न बचें।
अदालत ने केन्द्र की इस बात पर यह टिप्पणी की कि बंदरगाह पर मौजूद खेप को घरेलू बाजार में नहीं लाया जा सकता क्योंकि उन दवाओं को भारत में बेचने के लिये औषधि नियामक की मंजूरी नहीं मिली है।
अदालत ने केन्द्र को सभी दवा निर्माताओं से संपर्क कर उन्हें भारतीय बाजारों के लिये दवा के उत्पादन के लिये प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया।
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