अमृतसर: शौर्य चक्र से सम्मानित बलविंदर सिंह संधू के परिवार ने पंजाब के तरन तारन में उनकी गोली मारकर हत्या करने वाले दो अज्ञात हमलावरों की गिरफ्तारी होने तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। पंजाब में आतंकवाद से लड़ने वाले संधू (62) की शुक्रवार को जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ महीने पहले ही सरकार ने उन्हें दी गई सुरक्षा वापस ले ली थी। संधू जब भीखीविंड में अपने घर से लगे दफ्तर में थे, तब मोटरसाइकिल पर सवार हमलावर उन्हें चार गोलियां मारकर फरार हो गए। संधू की पत्नी जगदीश कौर संधू ने पत्रकारों से कहा, ''जब तक हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक परिवार उनका अंतिम संस्कार नहीं करेगा।''
हलांकि, बाद में परिजन अंतिम संस्कार करने को तैयार हो गए हैं। जब उप-विभागीय मजिस्ट्रेट राजेश शर्मा के नेतृत्व में प्रशासन ने उन्हें सुनिश्चित किया कि अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
उन्होंने अपने परिवार के लिये सुरक्षा भी मांगी। संधू की पत्नी ने कहा, ''परिवार के सभी सदस्य, मैं, मेरे दिवंगत पति और उनके भाई रंजीत सिंह संधू तथा उनकी पत्नी बलराज कौर संधू शौर्य चक्र से सम्मानित हैं। केन्द्र ने आतंकवाद से लड़ने के लिये हमें यह सम्मान दिया था।
राज्य और केन्द्र दोनों सरकारें खुफिया नाकामी के लिये जवाबदेह हैं, जिसके परिणामस्वरूप आतंकवादियों ने मेरे पति को मार डाला।'' उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार परिवार को सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रही है तो केन्द्र को सुरक्षा देनी चाहिये। संधू कई साल तक पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ लड़े और जब राज्य में खालिस्तानी आतंकवाद चरम पर था तब उन पर कई आतंकवादी हमले किये गए।
संधू के भाई रंजीत ने कहा कि तरन तारन पुलिस की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने एक साल पहले उनकी सुरक्षा वापस ले ली थी। उन्होंने कहा कि पूरी परिवार आतंकवादियों की हिट लिस्ट में रहा है।