समंदर में बढ़ी भारत की ताकत, पनडुब्बी INS अरिहंत से बैलिस्टिक मिसाइल का सफल प्रक्षेपण
By रुस्तम राणा | Published: October 14, 2022 07:41 PM2022-10-14T19:41:20+5:302022-10-14T19:41:20+5:30
रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘आईएनएस अरिहंत द्वारा एसएलबीएम (पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण) का सफल उपयोगकर्ता प्रशिक्षण लॉन्च दल दक्षता को साबित करने और एसएसबीएन कार्यक्रम के अनुरूप महत्वपूर्ण है
नई दिल्ली: भारत की रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत ने शुक्रवार को बैलिस्टिक मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया। रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मिसाइल का परीक्षण एक पूर्व निर्धारित सीमा तक किया गया और इसने बंगाल की खाड़ी में लक्ष्य पर पूरी सटीकता के साथ निशाना साधते हुए सभी परिचालन और तकनीकी मानकों को पूरा किया।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘आईएनएस अरिहंत द्वारा एसएलबीएम (पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण) का सफल उपयोगकर्ता प्रशिक्षण लॉन्च दल दक्षता को साबित करने और एसएसबीएन कार्यक्रम के अनुरूप महत्वपूर्ण है, जो भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता का एक प्रमुख तत्व है।’’
बयान में कहा गया, ‘‘यह भारत की ‘विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता’ की नीति को ध्यान में रखते हुए एक मजबूत, टिकाऊ और सुनिश्चित जवाबी क्षमता है जो इसकी ‘पहले उपयोग न करने’ की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।’’
India’s first indigenous aircraft carrier INS Vikrant also participated in the exercise which saw the participation of the high altitude long endurance Sea Guardian drones: Indian Navy Officials pic.twitter.com/9Me2gWeiJk
— ANI (@ANI) October 14, 2022
गौरतलब है कि आईएनएस अरिहंत भारत की पहली स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी है और अरिहंत-श्रेणी की परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों का प्रमुख है, जिसे 2009 में लॉन्च किया गया था और यह रूसी अकुला -1 श्रेणी की पनडुब्बी पर आधारित है।
अरिहंत भारतीय नौसेना के लिए विकसित परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों का एक वर्ग है। समुद्री परीक्षणों की एक श्रृंखला के बाद इसे 2016 में चालू किया गया था। अरिहंत किसी ऐसे देश द्वारा निर्मित पहली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक नहीं है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)