महिला न्यायाधीश को "अशोभनीय बधाई संदेश" भेजने के इल्जाम में जेल में बंद वकील को जमानत

By भाषा | Published: June 19, 2021 12:45 PM2021-06-19T12:45:34+5:302021-06-30T11:02:50+5:30

Bail to jailed lawyer for sending "indecent congratulatory message" to female judge | महिला न्यायाधीश को "अशोभनीय बधाई संदेश" भेजने के इल्जाम में जेल में बंद वकील को जमानत

महिला न्यायाधीश को "अशोभनीय बधाई संदेश" भेजने के इल्जाम में जेल में बंद वकील को जमानत

इंदौर, 19 जून मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने रतलाम में पदस्थ एक महिला न्यायाधीश को उनके जन्मदिन पर अशोभनीय बधाई संदेश भेजने के इल्जाम में पिछले चार महीने से जेल में बंद वकील को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।

उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये 14 जून को सुनवाई के दौरान आरोपी वकील की दूसरी जमानत याचिका 50,000 रुपये की जमानत और इतनी ही राशि के निजी मुचलके पर मंजूर की। हालांकि, एकल पीठ ने अपने इस आदेश में स्पष्ट किया कि वह मुकदमे के गुण-दोषों पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है।

उच्च न्यायालय ने वकील की जमानत याचिका मंजूर करने के साथ यह शर्त भी लगाई कि अगर उसने महिला न्यायाधीश से संपर्क का कोई भी प्रयास किया, तो जमानत आदेश निरस्त माना जाएगा और पुलिस को आरोपी को दोबारा गिरफ्तार करने का अधिकार होगा।

उच्च न्यायालय से जमानत की गुहार करते वक्त आरोपी वकील की ओर से कहा गया कि मामले में निचली अदालत में आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है और कोविड-19 के प्रकोप के चलते अदालत का अंतिम निर्णय आने में काफी वक्त लग सकता है।

उच्च न्यायालय में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान वकील की ओर से यह भी कहा गया कि "वह मामले में बिना शर्त माफी मांगता है और वह संबंधित महिला न्यायाधीश से आइंदा न तो कोई संपर्क करेगा, न ही उनकी अदालत में पैरवी करेगा।"

अधिकारियों ने बताया कि रतलाम के जिला न्यायालय के एक प्रणाली अधिकारी (सिस्टम ऑफिसर) की आठ फरवरी को पेश लिखित शिकायत पर वकील के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (दस्तावेजों की जालसाजी) और अन्य धाराओं के साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत वहां के स्टेशनरोड थाने में मामला दर्ज किया गया था।

उन्होंने बताया कि वकील पर इल्जाम है कि उसने रतलाम की महिला न्यायाधीश के जन्मदिन के मौके पर उनके सरकारी ई-मेल पते पर 28 जनवरी को देर रात "अशोभनीय बधाई संदेश भेजा", जबकि वह आरोपी को जानती तक नहीं हैं।

अधिकारियों के मुताबिक वकील पर यह आरोप भी है कि उसने महिला न्यायाधीश के फेसबुक खाते से उनकी डिस्प्ले पिक्चर (डीपी) डाउनलोड की और "जालसाजी के जरिये" ग्रीटिंग कार्ड बनाने में इसका दुरुपयोग किया।

उन्होंने बताया कि इस ग्रीटिंग कार्ड पर कथित रूप से अशोभनीय संदेश लिखकर इसे स्पीड पोस्ट के जरिये उस वक्त महिला न्यायाधीश को भेजा गया जब उनकी अदालत चल रही थी।

अधिकारियों ने बताया कि वकील को इस मामले में नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया और रतलाम के एक अपर सत्र न्यायाधीश ने उसकी जमानत याचिका 13 फरवरी को खारिज कर दी थी। इसके बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी 27 अप्रैल को आरोपी की पहली जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

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Web Title: Bail to jailed lawyer for sending "indecent congratulatory message" to female judge

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