badlapur Sexual Case: “आपराधिक न्याय प्रणाली का मजाक”, बंबई उच्च न्यायालय ने कहा- बदलापुर में हत्या की कोशिश और डकैती केस में पुलिस जांच पर सवाल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 2, 2024 18:46 IST2024-09-02T18:45:39+5:302024-09-02T18:46:37+5:30
badlapur Sexual Case: पीठ ने कहा कि यह एक और मामला है जिसमें हत्या के प्रयास के अपराध की जांच “अत्यंत उदासीन और सुस्त तरीके से” की गई।

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badlapur Sexual Case: बंबई उच्च न्यायालय ने ठाणे जिले के बदलापुर में हत्या की कोशिश और डकैती के मामले में पुलिस जांच पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि यह “आपराधिक न्याय प्रणाली का मजाक” है। न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने 23 अगस्त के अपने आदेश में कहा कि हत्या की कोशिश और डकैती के अपराध गंभीर प्रकृति के हैं और ये पूरे समाज के खिलाफ अपराध हैं, इसलिए इनकी उचित जांच की जानी चाहिए। अदालत दो व्यक्तियों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एक शख्स और उसकी मां पर तलवार और लोहे की छड़ से कथित रूप से हमला करने के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज हत्या की कोशिश और डकैती के मामले को रद्द करने की मांग की गई थी।
पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपियों ने उन्हें एक पत्र दिया था जिसमें दावा किया गया था कि वे मामले में समझौता चाहते हैं, इसलिए मामले की जांच सीमित की गई। अदालत ने इस पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि यह हत्या के प्रयास और डकैती का अपराध है। उच्च न्यायालय ने कहा, “प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी व्यक्तियों के विरुद्ध कथित अपराध गंभीर प्रकृति का है।
कानून की यह स्थापित स्थिति है कि (भारतीय दंड संहिता की) धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 397 (डकैती) के अंतर्गत जुर्म समग्र समाज के विरुद्ध अपराध होता है, इसलिए जांच अधिकारी को पक्षों की ओर से समझौते का कथित इरादा व्यक्त करने के बावजूद जांच पूरी करनी चाहिए थी।”
पीठ ने कहा कि यह एक और मामला है जिसमें हत्या के प्रयास के अपराध की जांच “अत्यंत उदासीन और सुस्त तरीके से” की गई। उच्च न्यायालय ने कहा, “हमारे अनुसार, वर्तमान अपराध के जांच अधिकारी द्वारा यह आपराधिक न्याय प्रणाली का मजाक उड़ाना है।” अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को तय की है।