नए साल पर वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बुरी खबर, यात्रा करने से पहले ये कर लें जरूर वरना पड़ सकता है पछताना
By सुरेश एस डुग्गर | Published: December 12, 2022 05:22 PM2022-12-12T17:22:10+5:302022-12-12T17:30:22+5:30
जानकारी के अनुसार, जहां एक ओर वैष्णो देवी भवन पर सभी कमरे भरे हुए हैं वहीं, मां वैष्णो देवी की दिव्य आरती व प्राचीन गुफा के समक्ष अटका आरती की भी अग्रिम बुकिंग हो चुकी है। ऐसे में इस समय यहां रूम मिलना न बराबर जैसा हो गया है।
जम्मू: अगर आप नववर्ष मनाने के लिए वैष्णो देवी की यात्रा पर आ रहे हैं तो पहले रहने की व्यवस्था जरूर कर लें वरना भटकना पड़ेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि वैष्णो देवी में नववर्ष मनाने की चाहत रखने वालों ने पहले ही जो बुकिंग करवा ली हुई है उसके चलते 28 दिसम्बर से लेकर अगले साल के पहले हफ्ते तक न ही वैष्णो देवी भवन में कोई कमरा आपको खाली मिलेगा और न ही कटड़ा के बेस कैम्प में कोई रूम बिना बुक का होगा।
नए साल में यहां पर कोई भी कमरा नहीं है खाली
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार, 28 दिसंबर से पांच जनवरी तक वैष्णो देवी भवन पर कोई भी कमरा व हाल उपलब्ध नहीं है। इसी तरह कटड़ा होटल व रेस्टोरेट एसोसिएशन के प्रधान ने बताया कि नव वर्ष के आगमन को लेकर होटल व गेस्ट हाउसों में एडवांस बुकिंग जोरों पर है। ऐसे में नववर्ष पर नगर के सभी होटल व गेस्ट हाउस भरे रहेंगे।
गौरतलब है कि आधार शिविर कटड़ा में सामान्य से लेकर पांच सितारा तक करीब दो सौ होटल सहित करीब 350 गेस्ट हाउस हैं। बोर्ड प्रशासन का आधार शिविर कटड़ा में निहारिका कांप्लेक्स व त्रिकुटा भवन भी है। इसी तरह पर्यटन विभाग द्वारा भी पर्यटन केंद्र सहित यात्री निवास यात्रियों के लिए बनाए गए हैं। ऐसे में कुल मिलाकर कटड़ा में 45 से 55 हजार श्रद्धालुओं के रूकने की व्यवस्था है।
जगह की कमी के कारण नहीं हो पाता है बड़ा इंतेजाम
जहां एक ओर वैष्णो देवी भवन पर सभी कमरे भरे हुए हैं वहीं, मां वैष्णो देवी की दिव्य आरती व प्राचीन गुफा के समक्ष अटका आरती की भी अग्रिम बुकिंग हो चुकी है। श्रद्धालुओं की उमड़ने वाली भारी भीड़ को लेकर बोर्ड प्रशासन ने वैष्णो देवी भवन व आधार शिविर कटड़ा में उनकी सुविधा के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
नए साल पर सभी श्रद्धालु चाहता है भवन में रहना
दरअसल नववर्ष को लेकर हर श्रद्धालु चाहता है कि उसे भवन पर रहने की व्यवस्था मिले, लेकिन सीमित जगह होने के कारण सभी श्रद्धालुओं का भवन पर रहना संभव नहीं है। वहीं, कड़ाके की ठंड के चलते माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने जगह-जगह गर्म पानी, कंबल व अंगीठी का इंतजाम किया है।
आपको बता दें कि वैष्णो देवी यात्रा का इतिहास देखा जाए तो पूरे साल में 31 दिसंबर को ही सर्वाधिक यात्रा का आंकड़ा दर्ज किया जाता है। साल के अंतिम दिन करीब 50 से 60 हजार श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।