'अगर हम झूठे हैं तो मौत की सजा के लिए भी तैयार', बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर दी प्रतिक्रिया, जानें मामला
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: November 22, 2023 05:17 PM2023-11-22T17:17:42+5:302023-11-22T17:20:03+5:30
मंगलवार को शीर्ष अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद से कहा कि वह चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों के खिलाफ भ्रामक दावे प्रकाशित न करें। इसमें यह भी कहा गया है कि यदि यह गलत दावा किया जाता है कि यह किसी विशेष बीमारी को ठीक कर सकता है तो पीठ प्रत्येक उत्पाद पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने पर भी विचार कर सकती है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट द्वारा पतंजलि आयुर्वेद को उसकी दवाओं के बारे में विज्ञापनों में "झूठे" दावे करने के खिलाफ चेतावनी देने के एक दिन बाद योग गुरु बाबा रामदेव ने बुधवार को अपनी कंपनी का बचाव किया और आरोप लगाया कि एलोपैथ से जुड़े कुछ लोग आयुर्वेद के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं।
दरअसल मंगलवार को शीर्ष अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद से कहा कि वह चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों के खिलाफ भ्रामक दावे प्रकाशित न करें। इसमें यह भी कहा गया है कि यदि यह गलत दावा किया जाता है कि यह किसी विशेष बीमारी को ठीक कर सकता है तो पीठ प्रत्येक उत्पाद पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने पर भी विचार कर सकती है।
इसके एक दिन बाद हरिद्वार में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रामदेव ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि आप गलत प्रचार करते हैं, "तो आप पर जुर्माना लगाया जाएगा। हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं। लेकिन हम कोई गलत प्रचार नहीं कर रहे हैं। कुछ डॉक्टरों ने एक ग्रुप बनाया है जो लगातार योग, आयुर्वेद आदि के खिलाफ प्रचार करते हैं। अगर हम झूठे हैं तो हम पर 1000 करोड़ का जुर्माना लगाएं और हम मौत की सजा के लिए भी तैयार हैं। लेकिन अगर हम झूठे नहीं हैं तो उन लोगों को सज़ा दें जो सच में झूठा प्रचार कर रहे हैं। पिछले 5 वर्षों से रामदेव और पतंजलि को निशाना बनाकर दुष्प्रचार किया जा रहा है।"
VIDEO | "Money cannot decide truth and lie. They (allopathy) may have more hospitals, doctors and their voice may be heard more, but we have the inheritance of the wisdom of sages, we are not poor," says Baba Ramdev after Supreme Court cautions Patanjali Ayurved against making… pic.twitter.com/W1Kv2apfMQ
— Press Trust of India (@PTI_News) November 22, 2023
अपने पक्ष का बचाव करते हुए रामदेव ने आगे कहा, "पैसा सच और झूठ का फैसला नहीं कर सकता। उनके (एलोपैथी) पास अधिक अस्पताल, डॉक्टर हो सकते हैं और उनकी आवाज अधिक सुनी जा सकती है, लेकिन हमारे पास संतों के ज्ञान की विरासत है, हम गरीब नहीं हैं।"
बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने मौखिक रूप से ये टिप्पणियां की थीं। शीर्ष अदालत ने 23 अगस्त, 2022 को टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ रामदेव द्वारा बदनामी का अभियान चलाने का आरोप लगाने वाली आईएमए की याचिका पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आयुष मंत्रालय और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को नोटिस जारी किया था।