आयुष्मान भारत से गरीब व संपन्न को समान इलाज सुनिश्चित होता है : मांडविया
By भाषा | Published: August 18, 2021 07:26 PM2021-08-18T19:26:38+5:302021-08-18T19:26:38+5:30
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब लोगों को भी अमीरों की तरह समान अस्पतालों में इलाज कराने का मौका मिला है। मांडविया ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत दो करोड़ इलाज पूरा होने पर आरोग्य धारा-2.0 कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अधिकार पत्र, अभिनंदन पत्र और आयुष्मान मित्र जैसी प्रमुख पहलों की भी शुरुआत की। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 23 सितंबर 2018 को योजना के आरंभ होने के बाद से मंगलवार को दो करोड़ से अधिक मरीजों का अस्पतालों में इलाज हो चुका है। मंत्रालय ने कहा कि इसके साथ ही देश के 33 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में पैनल में शामिल 23,000 सार्वजनिक और निजी अस्पतालों के नेटवर्क के जरिए अब तक करीब 25,000 करोड़ रुपये का इलाज मुहैया कराया गया है। बयान में मांडविया के हवाले से कहा गया है कि आयुष्मान भारत एक महत्वाकांक्षी योजना है जो गरीबों और वंचित लोगों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करती है। इस योजना के तहत सभी पात्र लाभार्थियों को प्रति परिवार प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक ‘कैशलेस’ और ‘पेपरलेस’ स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि इसके तहत कई वंचित वर्ग साहूकारों से ऋण लिए बिना इलाज का खर्च उठा सकते हैं। मंडाविया ने भारत में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में सरकार के प्रयास का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अपनी सामान्य पृष्ठभूमि के कारण गरीबों और असहायों के दर्द को महसूस कर सकते हैं। उन्होंने आम लोगों से इस योजना का प्रचार-प्रसार करने का आह्वान किया जिससे अधिक से अधिक लोग इस कार्यक्रम के तहत चिकित्सा देखभाल के लिए सूची में शामिल हो सकें। उन्होंने अपने निजी जीवन के उदाहरणों का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना से गरीब लोगों का इलाज भी उन अस्पतालों में हो सकता है जिनमें संपन्न लोगों का इलाज होता है। उन्होंने देश के निर्धनतम गरीब तक इस कार्यक्रम की पहुंच बढ़ाने और लाभार्थियों को योजना के बारे में जागरूक बनाने के लिए आरोग्य धारा 2.0 का भी डिजिटल उद्घाटन किया। इस मौके पर अधिकार पत्र, अभिनंदन पात्र और आयुष्मान मित्र जैसी पहलें भी शुरू की गयीं। मंत्रालय ने कहा कि लाभार्थियों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक बनाने के लिए पीएम-जेएवाई योजना के तहत इलाज के लिए उनके अस्पताल में भर्ती होने के दौरान अधिकार पत्र जारी किए जाएंगे जिससे वे इस योजना के तहत पांच लाख रुपये तक की मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं का दावा कर सकें। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सीईओ डॉ आरएस शर्मा ने देश में कहीं भी समयबद्ध तरीके से पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता के लिए लाभार्थियों की खातिर एक सरल, कैशलेस, पारदर्शी और कागज रहित संपूर्ण दावा प्रक्रिया को सक्षम बनाने में एनएचए के मजबूत आईटी मंच की प्रशंसा की। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस योजना के तहत 50 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के सत्यापन और नामांकन के सरकार के लक्ष्य को जल्द ही प्राप्त कर लिया जाएगा।
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