Ayodhya Ram Mandir:अयोध्या में बन रहा भव्य राम मंदिर को लेकर एक खुशखबरी है। राम मंदिर को 2023 के अंत में भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। हालांकि, पूर्ण निर्माण 2025 तक ही पूरा हो जाएगा। सूत्रों के अनुसार एक साथ निर्माण कार्य जारी रहने से श्रद्धालु मंदिर में पूजा कर सकेंगे।
राम मंदिर ट्रस्ट के सूत्रों ने कहा, "गर्भगृह को 2023 तक अंतिम रूप मिल जाएगा। पूरा निर्माण 2025 तक पूरा हो जाएगा।" सूत्रों ने बताया कि पूरा मंदिर परिसर 110 एकड़ में फैला होगा और इसके निर्माण पर 1,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
वृहद परियोजना की जानकारी साझा करते हुए उन्होंने बताया कि मुख्य मंदिर तीन मंजिला होगा जिसमें पांच मंडप होंगे। बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भाजपा का दशकों पुराना वादा था। माना जाता है कि भगवान राम का जन्म उसी स्थान पर हुआ था। सूत्रों ने बताया कि मंदिर की लंबाई 360 फुट, चौड़ाई 235 फुट और प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फुट होगी।
उन्होंने कहा कि मुख्य मंदिर पत्थरों से बनाया जाएगा न कि स्टील से। परिसर में एक संग्रहालय, एक शोध केंद्र और एक संग्रह केंद्र भी होगा। राम मंदिर ट्रस्ट ने विभिन्न आईआईटी से सुझाव मांगे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मंदिर भूकंपरोधी हो। मंदिर की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 5 अगस्त को एक भव्य समारोह में रखी थी, लेकिन प्रस्तावित मंदिर स्थल के नीचे पानी मिलने के बाद जनवरी में काम रोकना पड़ा।
उन्होंने बताया, ‘‘मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति योजना के तहत हो रही है और अनुमान है कि वर्ष 2023 के अंत तक भक्त मंदिर में भगवान राम लला के दर्शन कर सकेंगे।’’ मंदिर निर्माण का समय राजनीतिक रूप से मायने रखता है क्योंकि अगला लोकसभा चुनाव वर्ष 2024 के पहले पूर्वाध में होने वाला हैं।
अगर कार्य योजना के तहत होता है तो सत्तारूढ़ भाजपा को चुनाव से पहले प्रचार का एक और मुद्दा मिल जाएगा। सूत्रों ने बताया कि मंदिर के भूतल पर 160 खंभे, पहले तल पर 132 खंभे और दूसरे तल पर 74 खंभे होंगे। मंदिर के गर्भगृह पर बनने वाले शिखर की ऊंचाई जमीन से 161 फंट होगी जिसे राजस्थान से लाए गए पत्थरों और संगमरर से बनाया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि तीन दशकों में हुए बदलाव और जन अकांक्षा के अनुकूल बदलाव कर मंदिर के डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए पांच फरवरी 2020 को ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ बनाने की घोषणा की थी।