मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू ने अयोध्या विवाद पर बीजेपी से मिलाया सुर, कहा- बनना चाहिए राम मंदिर

By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Published: November 1, 2018 10:51 AM2018-11-01T10:51:13+5:302018-11-01T10:52:31+5:30

जब मीडिया ने अपर्णा यादव से ये पूछा कि क्या अयोध्या में मस्जिद नहीं बनना चाहिए? इस बात पर बेहद सफाई से जवाब देते हुए कहा कि रामायण में इस जगह मंदिर का जिक्र है तो यहां मंदिर ही बनना चाहिए।

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मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू ने अयोध्या विवाद पर बीजेपी से मिलाया सुर, कहा- बनना चाहिए राम मंदिर

नई दिल्ली, 1 नवंबर:मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव राम मंदिर विवाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सुर में सुर मिलाते नजर आ रही हैं। राम मंदिर विवाद पर बयान देते हुए अपर्णा यादव ने कहा है-'मुझे सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास है। मेरे ख्याल से राम मंदिर अयोध्या में ही बनना चाहिए।' राम मंदिर को लेकर अपर्णा यादव ने ये बयान बाराबंकी के देवा में दिया है। वो देवा शरीफ दरगाह पर आदित्य यादव के साथ चादर चढ़ाने पहुंची थी। आदित्य यादव शिवापल यादव और समाजवादी सेकुलर मोर्चा के संस्थापक के बेटे हैं।


जब मीडिया ने अपर्णा यादव से ये पूछा कि क्या अयोध्या में मस्जिद नहीं बनना चाहिए? इस बात पर बेहद सफाई से जवाब देते हुए कहा कि रामायण में इस जगह मंदिर का जिक्र है तो यहां मंदिर ही बनना चाहिए। मीडियाकर्मियों ने जब मुलायम की छोटी बहू से ये पूछा कि क्या वो ऐसा कह कर भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दे रही है तो अपर्णा ने कहा कि वो किसी के साथ नहीं है बल्कि राम के साथ हैं। अगले चुनाव में अपनी उम्मीदवारी के सवाल पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वो चाचा शिवपाल की पार्टी से चुनाव लड़ेंगी लेकिन नेता जी यानी मुलायम सिंह के आदेश के बाद।

गौरतलब है कि 29 अक्टूबर को राम मंदिर विवाद पर सुनवाई शुरू होनी थी। लेकिन पहले दिन की ही सुनवाई में भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए स्थगित कर दी है। सीजेआई जस्टिस रंजनके अलावा न्यायामूर्ति संजय किशन कौल और न्यायामूर्ति केएम जोसेफ पीठ के अन्य सदस्य हैं। साल 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित भूमि को तीन हिस्सों में बाँटने का फैसला सुनाया था।

सुप्रीम कोर्ट में पहले इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायामूर्ति अशोक भूषण व न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर की पीठ कर रही थी। 27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने नमाज के लिए मस्जिद को इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं माना था। तीन जजों की बेंच में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण ने संयुक्त रूप से फैसला सुनाते हुए 1994 के इस्माइल फारूकी फैसले को बरकरार रखा था। उन्होंने 24 साल पुराने फैसले को बड़ी बेंच के सामने भेजने से मना कर दिया।

सुनिए राम मंदिर पर अपर्णा यादव ने क्या कहा है-

 

English summary :
Mulayam Singh Yadav's daughter-in-law Aparna Yadav seems to be sharing the same view on Ram temple dispute with Bharatiya Janata Party (BJP). Aparna Yadav advocated for the construction of a Ram Mandir in Ayodhya.


Web Title: ayodhya ram mandir samajwadi party mulayam singh yadav aparna yadav bjp

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